अनहोनी की आशंका से उड़ी सुनील के अपनो की नींद

चार दिन भी अल्लापुर से अपहृत युवक का सुराग नहीं

ALLAHABAD: एक आरोपी को जेल भेजा जा चुका है। दूसरा नैनी एरिया में मौजूद है और अपनी प्रेमिका के साथ घंटों बातें करके लाइफ एंज्वॉय कर रहा है। एक तरफ का सच यह है तो दूसरी तरफ का सच यह है कि अपहृत सुनील के परिवारवालों ने थाने में ही बोरिया-बिस्तर डाल दिया है। वह घर लौटने से साफ इंकार कर चुके हैं, तब तक के लिए जब तक कि सुनील के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल जाती। तीसरी तरफ पुलिस है जो कह रही है कि अभी उसके हाथ कोई ठोस सुराग नहीं है। छानबीन की जा रही है। जल्द ही आरोपी पकड़ में आ जाएंगी। चार दिन बाद सुनील के परिवार के सदस्यों की नींद अनहोनी की आशंका में उड़ी हुई है।

सरेआम उठा ले गए थे

लेबर चौराहा अल्लापुर से चार दिन पहले सुनील गुप्ता का अपहरण हुआ था। अपहरण से पूर्व अपहर्ताओं ने उसकी सरेआम पिटाई भी की थी। इसे तमाम लोगों ने देखा लेकिन कोई खुलकर विरोध नहीं दर्ज करा सका। इसकी सूचना मिलने के बाद परिवार के सदस्य तत्काल थाने पहुंच गए। उन्होंने शक के घेरे में रहे युवकों का नाम भी पुलिस को बता दिया। तहरीर दे दी और आग्रह किया कि सुनील का पता लगाया जाय। पुलिस तभी से इस प्रकरण का खुलासा करने की कोशिशों में लगी है लेकिन उसके हाथ कोई ठोस सुराग नहीं है। इलाके के ही रहने वाले लल्लू यादव को उठा लिया। कड़ाई से पूछताछ हुई लेकिन उससे कोई सुराग नहीं मिला। इसके अलावा पुलिस ने आधा दर्जन छुटभैये अपराधियों को उठाकर पूछताछ की लेकिन इनसे भी सुनील तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं मिला।

अब सर्विलांस ही सहारा

अब पुलिस के पास सर्विलांस ही एकमात्र सहारा है। पुलिस घटना में संदिग्ध सभी अपराधियों के नंबर सर्विलांस पर डाल चुकी है। रविवार को इससे एक महत्वपूर्ण सूचना मिली। घटना के एक आरोपी सत्यम की लोकेशन नैनी एरिया में मिली। ट्रैकिंग से पता चला कि उसने रात में किसी से एक घंटे तक बात की है। इसके बाद पुलिस ने सत्यम तक पहुंचने के लिए जाल बिछाया लेकिन वह हाथ नहीं आया। बताया गया है कि सत्यम ने जिससे बात की वह कोई महिला है। संभवत: उसकी प्रेमिका। अब पुलिस इस महिला तक पहुंचने की कोशिश में है ताकि सत्यम तक पहुंचा जा सके। इन सब के बीच सुनील के परिवारवालों की नींद अनहोनी की आशंका में उड़ी हुई है।

पुलिस सुनील का पता लगाने का हर संभव प्रयास कर रही है। कुछ क्लू भी मिले हैं लेकिन जब तक अपहृत के बारे में पता न चले कुछ बताना ठीक नहीं होगा। एक को जेल भेज दिया गया है।

राकेश कुमार चौरसिया

विवेचक