- सिटी में हर जगह दुकानों पर खुलेआम बिकता एसिड

- बगैर आईडी प्रूफ, बिना वजह जाने दे देते दुकानदार

GORAKHPUR: बिहार के वैशाली जिले में एक लड़की के साथ अभद्रता को लेकर हुए विवाद में 14 लोगों पर एसिड फेंक दिया गया। इस घटना के बाद एक बार फिर हर तरफ एसिड अटैक की चर्चा है। लेकिन हकीकत यही है कि जुर्म का सबसे आसान हथियार बन चुके एसिड को जिम्मेदारों की उदासीनता ही मुजरिमों के हाथों तक पहुंचा रही है। पूर्व में हुई घटनाओं केबाद एसिड की बिक्री को लेकर कई नियम-कानून लागू किए गए लेकिन इन नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा। सिटी की ही बात करें तो यहां महज 15 रुपए में गली-गली मौत का ये सामान बिक रहा है। एसिड बिक्री को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में जो स्थिति सामने आई वो वाकई चिंताजनक है। यहां किराना स्टोर्स से लेकर बैट्री की दुकानों पर एसिड की शीशियां खुलेआम बिक रही हैं। एसिड मांगने पर दुकानदार बिना कोई सवाल-जवाब किए झट से बोतल थमा देते हैं। जबकि नियम के मुताबिक ग्राहक का नाम-पता नोट करने के साथ ही उसका एक आईडी प्रूफ भी जमा कराना होता है।

किराना स्टोर हो या बैट्री शॉप, हर जगह मौजूद एसिड

शहर में एसिड की बिक्री पर कोई रोकथाम नहीं है। हर जगह धड़ल्ले से इसे बेचा जाता है। टॉयलेट और फर्श क्लीन करने से लेकर बैट्री में डालने के लिए विभिन्न रूपों में इसकी बिक्री हो रही है। सावधानी इतनी बरती जा रही है कि उसे सामने रखने के बजाय दुकानदार स्टॉक में पीछे कहीं छिपा कर रखते हैं। रियलिटी चेक करने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम डीएम ऑफिस से महज 50 किमी की दूरी पर स्थित किराना स्टोर पर पहुंची। वहां एसिड मांगा तो दुकानदार ने तपाक से हामी भर दी। टॉयलेट क्लीन करने के नाम पर उसने 15 रुपए की बोतल थमाई। उससे कहा गया कि कोई भी इसका दुरुपयोग कर सकता है तो उसने कहा कि हम लोग दे देते हैं। अब कौन किस काम के लिए ले जा रहा है, इसके बारे में कितना पूछेंगे। लेकिन जब यह बताया कि एसिड ले जाने वाले का नाम-पता नोट करते हुए आईडी प्रूफ की फोटोकॉपी लेनी है तो उसने पलटकर सवाल किया कि हर जगह नियम का पालन होता है क्या। यही हाल मोहद्दीपुर, धर्मशाला बाजार, घंटाघर, टीपी नगर, महेवा मंडी, शास्त्री चौराहा, टीपीनगर सहित अन्य जगहों पर भी मिला।

स्पॉट 1

कलेक्ट्रेट के पास किराना स्टोर

दोपहर 12.54 बजे

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम एक किराना स्टोर पर पहुंची। वहां दुकानदार से कहा कि एसिड चाहिए। उसने पूछा कितने रुपए वाला चाहिए। हमने बताया कि कम पैसे में जो शीशी आती है दे दीजिए। दुकान से निकलकर एक कर्मचारी पीछे की तरफ गया। वहां से एक शीशी एसिड लेकर आया। उसकी कीमत उसने 15 रुपए मांगी। फिर बिना कोई बात किए वह दूसरे कामों में बिजी हो गया।

स्पॉट 2

टीपी नगर

दोपहर 2.15 बजे

टीपी नगर में बैट्री की तमाम दुकानें हैं। यहां पर बैट्री का बहुतायत होने से एसिड मिलने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने बैट्री दुकानदार से कहा कि एसिड चाहिए। उसने कहा कि किस इस्तेमाल के लिए मांग रहे हैं। हमने बताया कि एक पुरानी बैट्री है, उसमें डालना है। उसने कहा कि पानी ले लीजिए। फिर हमने सादा एसिड देने को कहा तो वह 20 रुपए में देने को राजी हो गया। लेकिन बोतल न होने का बहाना करके रिपोर्टर वहां से चला गया।

स्पॉट 3

मोहद्दीपुर

दोपहक 3.00 बजे

मोहद्दीपुर में कई किराना स्टोर्स हैं। एक दुकान पर पहुंच रिपोर्टर ने फर्श साफ करने के लिए एसिड मांगा। दुकानदार ने बिना ऊपर की तरफ देखे ही काउंटर से बोतल निकालकर रख दी। बोला कि 20 रुपए का है। तब हमने बताया कि शास्त्री चौराहे पर 15 में मिल रहा है। दुकानदार ने कहा कि कई तरह का आता है। इसका तेजाब थोड़ा तेज है इसलिए रुपया भी ज्यादा ले रहे हैं। हालांकि डिक्की में जगह न होने का हवाला देकर हम लोगों ने बाद में आने की बात कही तो दुकानदार ने झट से बोतल को भीतर रख दिया।

सीएम ने दिया था निर्देश, रखा जाएगा बिक्री का रिकॉर्ड

अप्रैल 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में एसिड की बिक्री और स्टोर के नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया था। यूपी में एसिड का भंडारण और बिक्री यूपी जहर कब्जा और बिक्री नियम 2014 के तहत दर्ज किया गया है। तब सभी जिलों के डीएम को सर्कुलर जारी कर प्रदेश के मुख्य सचिव ने निर्देशित किया था। उन्होंने कहा था कि 15 दिनों में व्यापारियों को एसडीएम के पास स्टॉक रिपोर्ट देना जरूरी है। गलत रिपोर्ट होने पर स्टॉक बंद कर दिया जाएगा। दुकानदार पर 50 रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। हर एसिड व्यापारी के निरीक्षण की रिपोर्ट हर माह के सातवें दिन गृह विभाग को भेजने का निर्देश भी दिया गया था। इसकेअलावा लाइसेंसधारक को हर एसिड विक्रेता का नाम और पता का रिकॉर्ड रखना होगा।

यहां होता है एसिड का यूज

- सोने-चांदी को गलाने और तैयार गहनों की साफ सफाई

- रेशम के कारोबार में भी सफाई के लिए एसिड यूज करते हैं।

- मेटल वायर से जुड़े कुछ कारखानों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

- एसिड को डायल्यूट करटॉयलेट क्लीनर बनाया जाता है।

बॉक्स

बेहद खतरनाक है एसिड

जानकारों का कहना है कि एसिड के रूप में केमिकली नाइट्रिक एसिड, सल्फ्यूरिक एसिड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड का मेन यूज होता है। यह बेहद स्ट्रॉन्ग और खतरनाक होता है। इससे शीशा, पत्थर, सिरेमिक, सूखी लकड़ी को छोड़कर किसी अन्य मेटल को आसानी से गला सकते हैं। यदि दो एसिड को एक साथ मिला दिया जाए तो उसका केमिकल और स्ट्रॉन्ग हो जाता है। दुकानदारों का कहना है कि मार्केट में नॉर्मली सल्फ्यूरिक एसिड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड बिकता है।

इस तरह के एसिड की होती बिक्री

- बाथरूम में यूज होने वाले क्लीनर में दो से चार परसेंट तक एसिड होता है

- 80 परसेंट तक डायल्यूट एसिड भी बॉडी के लिए खतरनाक होता है

- मेटल को गलाने के लिए 60 परसेंट तक डायल्यूट एसिड का यूज किया जा सकता है।

- बाजार में 20 से 30 परसेंट तक डायल्यूट एसिड आसानी से मिल जाते हैं।

- इनके संपर्क में त्वचा को काफी नुकसान पहुंच सकता है। जख्म ज्यादा होने पर जान जा सकती है।

क्या हैं नियम

- 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा

- तेजाब की खरीद-बिक्री के लिए दुकानदारों को अलग से एक रजिस्टर रखना होगा

- बिना पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ और इस्तेमाल की वजह पूछे बिना नहीं दिया जाएगा।

- मेडिकल और एजुकेशन के उद्देश्य से थोक में एसिड खरीदने से पहले एसडीएम से आदेश लेना होगा

- तेजाब को लेकर दिए गए निर्देशों का अगर पालन नहीं होगा तो पचास हजार का जुर्माना ठोंका जाएगा

- तेजाब को लेकर तमाम निर्देशों पर स्थानीय भाषा में विज्ञापन भी देने का आदेश है

- तेजाब पीडि़त को कम से कम तीन लाख रुपए का मुआवजा

- मुआवजे का एक लाख रुपए 15 दिनों के अंदर देना होगा

- शेष दो लाख रुपए दो महीने के अंदर भुगतान करने का नियम

वर्जन

एसिड की बिक्री के संबंध में कोई भी शिकायत हमसे की जा सकती है। टीम भेजकर उसकी जांच कराई जाएगी। हाल फिलहाल कितनी दुकानों को लाइसेंस दिया गया था इसका ब्यौरा तलब किया जाएगा। बिना आईडी प्रूफ जमा कराए एसिड बेचने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई होगी।

प्रथमेश कुमार, ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट