--हाईकोर्ट ने कहा, इलाज नहीं तफरीह करनेवाले कैदी रहते हैं कॉटेज में

--अब किसी भी विचाराधीन कैदी को नहीं मिलेगी कॉटेज की सुविधा

RANCHI: हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह आदेश दिया है कि अब राज्य के सबसे बड़े सरकारी हास्पिटल रिम्स में विचाराधीन कैदियों और वीआइपी कैदियों को कॉटेज नहीं मिलेगा। यह आदेश मिलते ही रिम्स में इलाज करा रहे कैदियों को भी रिम्स खाली करना होगा। बताते चलें कि राज्य में किसी भी बड़े नेता, मंत्री या कैदी को सजा सुनाए जाने के बाद अक्सर वे बीमारी का बहाना बनाते थे और रिम्स में आकर भर्ती हो जाते थे। इसके बाद ये कैदी महीनों तक वार्ड और कॉटेज में ही रहकर अपना इलाज कराते थे। लेकिन अब ऐसे कैदियों को रिम्स में कॉटेज नहीं मिल पाएगा।

जनहित याचिका पर सुनवाई

रिम्स कॉटेज का दुरुपयोग वीआइपी कैदियों के द्वारा किए जाने के आरोपों को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को यह आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश वीरेंदर सिंह और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ ने आदेश दिया कि अब किसी भी कैदी को, वह चाहें कितना भी बड़ा और वीआईपी क्यों न हो, रिम्स के कॉटेज में इलाज कराने की अनुमति नहीं होगी। अदालत ने कहा कि फिलहाल कॉटेज में इलाज करानेवाले नहीं, बल्कि तफरीह करने वाले कैदी ही रहते हैं। इस संबंध में आई मीडिया रिपोर्टो पर अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे याचिका में तब्दील कर दिया था और सरकार को जवाब दायर करने को कहा था। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

रिम्स में बनेगी मैकेनाइज्ड लाउंड्री

-सेंट्रल स्टरलाइजेशन सप्लाई सिस्टम और रिम्स के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के कैंपस में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री ने कई योजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें मेकेनाइज्ड लाउंड्री बनाने की आधारशिला रखी गई। साथ ही हॉस्पिटल में इक्विपमेंट्स के स्टारलाइजेशन के लिए सेंट्रल स्टरलाइजेशन एंड सप्लाई सिस्टम भी लगाया जाएगा। वहीं नई बिल्डिंग में मेडिकल गैस पाइपलाइन की व्यवस्था की जाएगी, जिससे वार्डो में जरूरतमंदों को गैसों की आपूर्ति की जाएगी। इस मौके पर कांके विधायक डॉ जीतूचरण राम, निवर्तमान डायरेक्टर डॉ एस हैदर आदि मौजूद रहे।