- हवा और वेंटीलेशन के इंतजाम नहीं होने से वार्डो में सबसे ज्यादा इंफेक्शन फैला

- सर्जरी और मेडिसिन वार्डो सबसे ज्यादा बदइंतजामी, घर से पंखा लाने को मजबूर मरीज

- इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी की सैंपलिंग में सबसे ज्यादा इंफेक्टेड जनरल वार्ड

KANPUR: हैलट के आईसीयू कांड के बाद अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं पर नए सिरे से चर्चा शुरू हुई है। वैसे तो अस्पतालों से मरीज ठीक होकर जाते हैं, लेकिन एलएलआर अस्पताल के बारे में यह तर्क सही नहीं लगता क्योंकि यहां इंफेक्शन का स्तर इतना ज्यादा है कि मरीज सही होने के बाद भी किसी न किसी प्रकार का इंफेक्शन लेकर जाता है। शासन के निर्देश पर अस्पताल में इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी का कुछ समय पहले गठन हुआ है। हर महीने हैलट के वार्डो, ओटी, आईसीयू में इंफेक्शन के स्तर की जांच की जा रही है। उसी कमेटी ने हैलट के कई वार्डो में इंफेक्शन का बड़ा खतरा पाया है।

गर्मी और उसम से दो गुना बढ़ा खतरा

हैलट मेडिसिन वार्डाें में 215 बेड हैं। इसके वार्ड 14 और 16 की हालत सबसे खराब है। यहां कूलर को लगे हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं है। बिल्डिंग काफी पुराने होने और पेशेंट्स का लोड होने की वजह से यहां साफ सफाई की हालत भी बदतर है। एक दिक्कत यह भी है कि मरीजों को हवा के इंतजाम नहीं होने की वजह से उन्हें घर से ही पंखे का इंतजाम करना पड़ रहा है। उमस की वजह से हालात और भी ख्ाराब है।

वार्डो में हालात ज्यादा खराब

मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग और इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी की ओर से यहां सैंपलिंग कराई गई जिसमें इंफेक्शन का स्तर काफी ज्यादा पाया गया। कुछ यही हालात सर्जरी विभाग के वार्डो में भी हैं। इसके अलावा मेटरनिटी अस्पताल में भी इंफेक्शन का स्तर ज्यादा होने की वजह से प्रसूताओं में संक्रमण की शिकायतें आ रही है। यहां एक मरीज से दूसरे मरीज में ट्रांसफर होने वाले संक्रमण के मामले भी काफी ज्यादा हैं।

वर्जन-

इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी समय समय पर अस्पताल की प्रमुख जगहों पर संक्रमण का स्तर मापती है। जहां संक्रमण ज्यादा मिलता है। वहां ज्यादा ध्यान दिया जाता है। अब अस्पताल की लॉड्री व साफ सफाई की व्यवस्था को आउटसोर्सिग के जरिए कराने की योजना है। जिससे और ज्यादा सुधार होगा। -

डॉ.आरसी गुप्ता,एसआईसी,एलएलआर एंड एसोसिएटेड अस्पताल