- दून अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रही बेहतर सुविधाएं

- आईनेक्स्ट लगातार उठाता रहा है बदहाली के मुद्दे

- पुराने कई लापरवाही के मामलों पर हो रही हैं जांच

DEHRADUN: सिटी के सबसे बड़े अस्पताल दून में मरीजों के इलाज की जगह घपले, घोटालों की जांच को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। आईनेक्स्ट लगातार दून अस्पताल की बदहाली को बेनकाब कर रहा है। पिछले दिनों अस्पताल में ऑखों के ऑपरेशन में गड़बड़ी और दून महिला अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत और दून अस्पताल में डायलिसिस न होने से हुई मरीज की मौत के मामले की भी जांच चल रही है। अस्पताल प्रबंधन इन जंाचों में ही उलझकर रह गया है।

आंखों के ऑपरेशन में लापरवाही

दून अस्पताल में नेत्र विभाग द्वारा मोतिया बिंदु के हुए ऑपरेशन में गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद ब् लोगों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ा था। इसके बाद नेत्र विभाग द्वारा ओटी में इनफेक्शन बढ़ने की बात स्वीकार की गयी थी, जिस पर नेत्र विभाग ने अपनी विभागीय जांच भी सौंप दी थी। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने सीएमएस को रिपोर्ट सौंपने को कहा। सीएमएस ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

ख् मरीजों की मौत का मामला

दून अस्पताल में डायलिसिस न होने से मरीज की मौत और महिला अस्पताल में गर्भवती की मौत पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के डायरेक्टर प्रो.डॉ। आशुतोष सयाना ने भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अव्यवस्थाओं को सही करने के निर्देश भी दिए।

सिर्फ जांच, कार्रवाई कब?

लगातार दून अस्पताल में अव्यवस्थाएं बढ़ने से मरीज और तीमारदार परेशान नजर आ रहे हैं। गंभीर मामलों में शासन और अधिकारी सिर्फ जांच बैठा देते हैं। लगभग ख् हफ्ते बाद भी मोतिया बिंदु के ऑपरेशन में हुए गड़बड़ी पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। कभी विभाग से तो कभी सीएमएस से जांच कराकर मामले में गम्भीरता नहीं दिखाई दे रही है। अब ख् मौत के मामलों में भी प्रिंसिपल को एक हफ्ते का समय दिया गया है।

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दून अस्पताल में हुई मौत के मामले में दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से एक हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।

प्रो.डॉ। आशुतोष सयाना, डायरेक्टर,चिकित्सा शिक्षा विभाग