- फायर सेफ्टी को ताक पर रख बच्चों की जान खतरे में डाल संचालित हो रहे कोचिंग सेंटर

- स्कूलों पर पुलिस ने कसा शिकंजा, कोचिंग सेंटर्स की फिलहाल किसी ने नहीं ली सुध

देहरादून,

एजुकेशन हब दून की गलियों में चल रहे कोचिंग सेंटर्स खतरे के मुहाने पर हैं। स्टूडेंट्स की सेफ्टी को ताक पर रख हर एरिया में बिना फायर फाइटिंग सिस्टम के हजारों कोचिंग सेंटर्स धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। कई अग्निकांडों के बाद भी शहर के कोचिंग सेंटर की कोई सुध लेने को तैयार नहीं हैं। अधिकांश कोचिंग सेंटर्स ऐसी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में चल रहे हैं, जहां आग जैसा हादसा हो जाए तो फायर ब्रिगेड तक वहां नहीं पहुंच सकती। इसके अलावा बिल्डिंग से निकलने में स्टूडेंट्स को भी दिक्कत हो सकती है क्योंकि अधिकांश कोचिंग सेंटर्स की एंट्री और एग्जिट तंग है।

कोचिंग सेंटरों की बाढ़, रिकॉर्ड तक नहीं

संडे को दर्शनी गेट के पास एक गोदाम में भीषण अग्निकांड हुआ। पत्तल स्टोर में 13 घंटे तक आग धधकती रही। फायर ब्रिगेड को आग बुझाने के लिए 10 गाडि़यों की मदद से कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। आग बुझाने के लिए गोदाम की एक दीवार तोड़नी पड़ी थी। गोदाम काफी तंग जगह पर था। ऐसे ही शहर में कई कोचिंग सेंटर्स भी चल रहे हैं, जहां पहुंचना फायर ब्रिगेड के लिए आसान नहीं और ये सेंटर्स खुद भी फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं रखते। दून में कोचिंग सेंटर्स की भरमार है, यहां हजारों स्टूडेंट्स कोचिंग लेते हैं। लेकिन, कोचिंग सेंटर्स का लेखा-जोखा भी किसी डिपार्टमेंट के पास नहीं है, न ही कोचिंस सेंटर्स फायर ब्रिगेड से एनओसी लेते हैं। बीते वर्ष सूरत में हुए कोचिंग सेंटर अग्निकांड के बाद पुलिस और फायर सर्विस की ओर से दून में भी कोचिंग सेंटर्स को वार्निग दी गई थी, लेकिन इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला।

200 से ज्यादा कोचिंग सेंटर, जिम्मेदारी किस की

एक आकलन के मुताबिक सिटी में छोटे-बड़े करीब 200 कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, जिनमें करीब 1.5 लाख स्टूडेंट्स कोचिंग ले रहे हैं। मोटी फीस लेकर सेंटर्स कोचिंग देते हैं, लेकिन स्टूडेंट्स की सेफ्टी को लेकर चिंतित नहीं हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि अधिकांश कोचिंग सेंटर्स मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स की ऊपरी मंजिलों में चल रहे हैं। उनके पास न तो आसान एंट्री-एग्जिट की व्यवस्था है, न ही फायर सेफ्टी की एनओसी। ऐसे में कभी कोई छोटा हादसा भी हुआ तो स्टूडेंट्स की जान जोखिम में आ जाएगी।

फायर ब्रिगेड के पास राइट ही नहीं

फायर ब्रिगेड के पास संस्थानों को फायर सेफ्टी इंतजाम न होने की सूरत में सिर्फ नोटिस जारी करने का राइट है, ऐसे संस्थानों के खिलाफ एक्शन लेने का राइड फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के पास नहीं है। ऐसे में विभागीय अफसरों को भी बैकफुट पर आना पड़ता है। आग की घटनाएं होने पर हर बार विभाग नोटिस जारी करता है और संबंधित संस्थान उसे अमल में ही नहीं लाते।

इन एरियाज में कोचिंग सेंटर्स की बाढ़

करनपुर, पटेलनगर, नेहरू कॉलोनी, राजपुर रोड, बल्लुपुर, बल्लीवाला, प्रेमनगर, ईसी रोड, सुभाष रोड, धर्मपुर, क्लेमेंट टाउन, वसंत विहार।

स्कूलों पर पुलिस का शिकंजा

अब दून पुलिस ने स्टूडेंट्स की सेफ्टी को लेकर स्कूलों पर शिकंजा कसना शुरू किया है। 40 से ज्यादा स्कूलों को पुलिस की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। इसके बाद पुलिस इन स्कूलों का फिजिकल इंस्पेक्शन भी करेगा। इन सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ 1500 से ज्यादा है। दून के फायर सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) अर्जुन सिंह रांगड़ ने बताया कि डीआईजी के निर्देश पर स्कूलों में फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू किया जा रहा है, पुलिस की ओर से पहले ही स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं, और एक माह का समय भी दिया गया है। इसके बाद जिन स्कूल्स में फायर सेफ्टी के पुख्ता इंतजाम नहीं मिले उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

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पहले स्कूलों की सुरक्षा और फायर इंतजाम को लेकर फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू किए जा रहे हैं, जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही होने पर नोटिस जारी किए जाएंगे। कोचिंग सेंटर्स को पहले भी फायर संबंधी इंतजाम करने को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। स्कूलों के बाद इनके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद कोचिंग सेंटर्स पर भी फोकस किया जाएगा।

अर्जुन सिंह रांगड़, जिला अग्निशमन अधिकारी