-बिना जांच के ही परोस दिया जाता है मरीजों को खाना

-टंकी से आता है गंदा पानी, नहीं लगा है वाटर प्यूरीफायर

ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

RANCHI (30 ष्ठद्गष्) : रिम्स में हर दिन हजारों मरीजों को परोसे जाने

हजारों मरीजों की जान ताक पर रख कर काम किया जा रहा है। जिससे कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। रिम्स में हर दिन मरीजों का खाना बनाया जाता है। लेकिन उसकी जांच किए बिना ही वह मरीजों को परोस दिया जाता है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी मरीजों के खाने की जांच नहीं की जाती है। जबकि खाने की जांच के लिए प्रभारी की नियुक्ति की गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या किसी हादसे के बाद ही प्रबंधन की नींद खुलेगी।

भोजन की नहीं होती जांच

रिम्स में हर दिन करीब 12 सौ मरीजों का खाना बनाया जाता है। जिसमें कि मरीजों के लिए चावल, दाल, सब्जी, चिकेन बनाया जाता है। इसके लिए रिम्स के किचन में तीस स्टाफ को लगाया गया है। जबकि मरीजों के डायट के लिए एक डायटीशियन की भी नियुक्ति की गई है। वहीं एक प्रभारी को भी जांच का जिम्मा दिया गया है। लेकिन उन्हें सामान देने के अलावा कोई मतलब नहीं होता है। ऐसे में मरीजों के भोजन की जांच नहीं हो पाती है। कुछ दिन पहले भी रिम्स में मरीजों को कच्चा चावल और दाल परोसा गया था। इसकी शिकायत मिलने पर रिम्स की डायटीशियन ने स्टाफ्स को फटकार लगाई थी।

टंकी की नहीं होती सफाई, वाटर प्यूरीफायर भी नहीं लगा

किचन में गंदे पानी की सप्लाई को लेकर कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में गंदे पानी में ही खाना बनाया जा रहा है। जबकि प्रबंधन को कई बार इसके लिए लिखित शिकायत भी की गई। उसमें पानी में कचरा आने की भी बात कहीं गई थी। इसके बावजूद न तो टंकी की सफाई कराई गई और न ही वाटर प्यूरीफायर लगाया गया। रिम्स में गंदे पानी से ही खाना पकाया जा रहा है। जिससे कि मरीजों को खाना खाने से कई गंभीर बीमारियां भी अपनी चपेट में ले सकती है।

वर्जन

ऐसा तो नहीं होना चाहिए। अगर गंदा पानी आ रहा है तो इस मामले को तत्काल देखा जाएगा और साफ पानी की व्यवस्था कराई जाएगी।

डॉ.बीएल शेरवाल, डायरेक्टर, रिम्स