सूचना आयोग में 572 अपीलों पर ढाई महीने से कोई सुनवाई नहीं
आई-एक्सक्लूसिव
-अगले कई महीनों के लिए भी डेट संभव नहीं
-दो सूचना आयुक्तों के भरोसे चल रहा आयोग
देहरादून: यदि आप सूचना के मामले में महकमों के बेशर्म रवैये से परेशान होकर सेकेंड अपील में सूचना आयोग में जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो अभी रुक जाइए। सूचना के अधिकार अधिनियम यानी आरटीआई के 10 साल पूरे होने के मौके पर ये सलाह आपको नागवार गुजर सकती है, लेकिन सच्ची सलाह यही है। वजह, सूचना आयोग में सेकेंड अपील पर सुनवाई का मामला एकदम ठप पड़ गया है। ढाई महीने पहले की गई अपील पर कार्रवाई का मामला इंच भर भी आगे नहीं बढ़ पाया है। और आने वाले कुछ महीनों में इसकी सूरत कतई नहीं दिख रही है।
सुनवाई के लिए फिलहाल डेट नहीं
सूचना आयोग में इस वक्त सिर्फ दो सूचना आयुक्त हैं। आयुक्तों की कमी के चलते दोनों आयुक्त ओवर लोड हैं। हाल ये हैं कि प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त राजेंद्र कोटियाल के पास तीन जनवरी 2017 तक नई अपील पर सुनवाई के लिए वक्त नहीं है। इस तारीख तक पुराने मामलों की सुनवाई की डेट लगी हुई है। इसी तरह, दूसरे आयुक्त एसएस रावत नौ नवंबर 2016 तक पुरानी अपीलों की ही सुनवाई से बाहर नहीं आ पाएंगे। लिहाजा उनके पास इससे पहले वक्त नहीं होगा।
30 जुलाई तक की सूचनाओं पर नोटिस
इस साल 30 जुलाई तक सेकेंड अपील के लिए जो मामले सूचना आयोग के हेडक्वार्टर पहुंचे हैं, उन्हीं में अभी तक नोटिस भेजे गए हैं। अगस्त, सितंबर में भी कई अपील हुई हैं। इस महीने में भी बदस्तूर अपील जारी हैं, लेकिन सुनवाई पर हाथ रोक दिया गया है, क्योंकि पुराने मामले ही निपट नहीं पा रहे हैं।
अपीलों के बोझ तले दबे आयुक्त
सूचना आयोग के दोनों आयुक्तों पर इस वक्त अपीलों की सुनवाई का भारी दबाव है। सामान्य स्थितियों में एक आयुक्त के हिस्से औसतन सात से आठ अपीलों की सुनवाई आती हैं, लेकिन वर्तमान में हाल ये है कि एक आयुक्त 25 से ज्यादा अपीलों की सुनवाई कर रहे हैं।
10 साल की सूचनाओं का लेखा-जोखा
वर्ष विभागों को प्राप्त आवेदन
2005-06 1385
2006-07 9691
2007-08 15640
2008-09 27148
2009-10 27311
2010-11 29404
2011-12 69088
2012-13 87691
2013-14 114790
2014-15 119656
2015-16 86205
2016-17 20166 (10.10.16 तक)
डिपार्टमेंट लेवल पर फर्स्ट अपील
नवंबर 2005 से 2016- 51826
अप्रैल 2016 से अभी तक-1680
धारा-18 में दर्ज शिकायतें
नवंबर 05 से मार्च 2016
टोटल रजिस्ट्रेशन-11099
टोटल डिस्पोस्ड- 10831
कैरीड फारवर्ड- 268
डिस्पोजल परसेंटेज- 97.59
सेकेंड अपील में शिकायत-निस्तारण
नवंबर 2005 से मार्च 2017 तक
टोटल रजिस्ट्रेशन- 20032
टोटल डिस्पोस्ड- 18871
कैरीड फारवर्ड- 1161
डिस्पोजल परसेंटेज-94.20
10 साल: किस जिले से आयोग में कितनी आई सेकेंड अपील
जनपद अपील
देहरादून 8000
हरिद्वार 4500
यूएसनगर 2000
नैनीताल 1800
पौड़ी 1350
टिहरी 664
अल्मोड़ा 600
चमोली 371
उत्तरकाशी 365
पिथौरागढ़ 296
चंपावत 197
बागेश्वर 184
रुद्रप्रयाग 144
किसके पास कौन से अहम विभाग
प्रभारी सूचना आयुक्त-राजेंद्र कोटियाल
गृह, राजस्व, वित्त, शहरी विकास, आवास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य।
सूचना आयुक्त-एसएस रावत
-शिक्षा, ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग,
सिंचाई, पंचायत राज, पेयजल।
परेशानी की वजह
-पिछले डेढ़ साल से मुख्य सूचना आयुक्त समेत दो आयुक्तों के पद खाली।
समाधान का रास्ता
-राज्य सरकार के स्तर पर जल्द से जल्द आयुक्तों के खाली पदों पर नियुक्ति।
वर्जन--
-सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एक नया विज्ञापन हमने जारी किया है। मुझे पूरी उम्मीद है कि एक-दो महीने के भीतर सूचना आयुक्तों की भर्ती के मामले में प्रगति दिखाई देगी।
-शैलेश बगोली, सचिव, सीएम।
-काम का दबाव जाहिर तौर पर बढ़ गया है। इसके बावजूद पूरी कोशिश की जा रही है कि अपीलों की सुनवाई का काम तेजी से किया जाए। उम्मीद कर रहे हैं कि आयुक्तों की भर्ती जल्द हो जाएगी।
-राजेंद्र कोटियाल, प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त।