-छात्रसंघ चुनाव से पहले हॉस्टल में बड़े पैमाने पर दबंगों का कब्जा

-अबकी रेड भी नहीं डाली जा सकी, इससे भी बढ़ी है अवैध अन्त:वासियों की संख्या

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में नए शैक्षिक सत्र 2018-19 में दाखिला पाने वाले छात्र-छात्राओं को हॉस्टल आवंटन का बेसब्री से इंतजार है। हॉस्टल के लिए छात्र आवेदन कर चुके हैं। अब वह रोज यह जानने की कोशिश में लगे हैं कि उन्हें हॉस्टल कब तक मिलेगा? लेकिन मौजूदा हालातों में एक बात तय है कि एयू में एडमिशन लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिल सकेगा। इसके पीछे कई कारण हैं। गौरतलब है कि विवि में हर साल यूजी, पीजी समेत अन्य कोर्सेस में बड़े पैमाने पर छात्र दाखिला लेते हैं।

अराजकतत्वों को बताया है खतरनाक

नए शैक्षिक सत्र में सभी को हॉस्टल मिल सके, इसमें सबसे बड़ी मुश्किल छात्रसंघ चुनाव नजर आ रहा है। एयू में अभी छात्रसंघ चुनाव की तिथियां भले ही नहीं घोषित हैं। लेकिन हॉस्टल में बड़े पैमाने पर अवैध लोगों का कब्जा हो चुका है। यह बात खुद एयू के चीफ प्रॉक्टर भी एक्सेप्ट कर चुके हैं। उन्होंने कर्नलगंज थाने में बाकायदा शिकायती पत्र देकर पुलिस और प्रशासन के अफसरों को अवगत करवाया है कि विवि के सभी परिसरों तथा छात्रावासों में अनेक अराजकतत्व सक्रिय हो गए हैं। जिनको बिना पुलिस के मदद के बाहर कर पाना कठिन एवं खतरनाक है। कहा है कि मना करने पर ऐसे लोग अराजकता फैला रहे हैं और लड़ने पर उतारू हैं।

आरएएफ लगाकर खाली करवाया था हॉस्टल

इसके अलावा इस बार छात्रावासों में रेड भी नहीं डाली जा सकी है। क्योंकि नए सत्र की शुरुआत से पहले हॉस्टल खाली करवाने की भनक लगते ही छात्र आंदोलित हो उठे थे। इसके बाद वीसी को लिखकर देना पड़ गया था कि हास्टल खाली नहीं होंगे। इससे हॉस्टल्स में अवैध अन्त:वासियों की तादाद और ज्यादा हो गई है। हॉस्टल्स में लास्ट ईयर आरएएफ लगाकर वॉशआउट किया गया था। वहीं अब नए सत्र की शुरुआत हुए लम्बा समय बीत चुका है और छात्रसंघ चुनाव भी सिर पर है। ऐसे में चुनाव से पहले हॉस्टल में रेड की कार्रवाई की संभावना भी समाप्त हो चुकी है।

वर्जन

पुलिस और प्रशासन के अफसरों को अवगत करवाया है कि विवि के सभी परिसरों तथा छात्रावासों में अनेक अराजकतत्व सक्रिय हो गए हैं। इनको बिना पुलिस के मदद के बाहर कर पाना कठिन और खतरनाक है। मना करने पर ऐसे लोग अराजकता फैला रहे हैं और लड़ने पर उतारू हैं।

-प्रो। राम सेवक दुबे, चीफ प्रॉक्टर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी