RANCHI: सदर हॉस्पिटल में रांची के अलावा दूर-दराज से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। साथ ही उन्हें इलाज के बाद हॉस्पिटल से दवाएं मिलने की भी उम्मीद रहती हैं। लेकिन पिछले कई दिनों से उन्हें दवा वितरण केंद्र से निराशा ही हाथ लग रही है। जहां उन्हें या तो कम दवाएं मिल रही हैं या उन्हें बैरंग लौटा दिया जा रहा है। चूंकि सदर हॉस्पिटल में दवाओं का स्टॉक कम हो गया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब साधारण दवाएं भी नहीं मिलेंगी तो सुपरस्पेशियलिटीसुविधाएं तो दूर की बात है।

मार्च तक काम चलाने का निर्देश

विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दवाओं की कमी से उन्हें भी दिक्कत हो रही है। किसी मरीज को 5 दिन की दवा डॉक्टर लिखते हैं तो उन्हें दो या तीन दिन की दवा ही दी जा रही है। वहीं अधिकारियों ने इतनी ही दवा में मार्च तक काम निकालने को कहा है। इसके बाद नया टेंडर करने के बाद ही दवाएं आएंगी।

ओपीडी में डेली 900 मरीज

ओपीडी में अलग-अलग बीमारियों के मरीज आते हैं। पहले के जनरल हॉस्पिटल में जहां 5-6 सौ मरीज ओपीडी में आते थे। वहीं सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग बन जाने के बाद मरीजों की संख्या 900 के करीब पहुंच गई है। इसके बावजूद दवा का स्टॉक बढ़ाने के बजाय घटता जा रहा है।

डिस्पेंसरी में सिर्फ 17 दवाएं

हॉस्पिटल की डिस्पेंसरी में मात्र 17 दवाएं ही शेष बची हैं। वहीं इनडोर में भी दवा का स्टॉक खत्म होता जा रहा है। अगर जल्द ही दवाओं की खरीदारी नहीं की जाती है तो मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दवा खरीदने के लिए उन्हें पैसे भी खर्च करने पड़ेंगे। जबकि मरीजों को ये दवाएं हॉस्पिटल प्रबंधन की ओर से मुफ्त में उपलब्ध कराई जाती हैं।

वर्जन

हां, यह सच है कि हॉस्पिटल में दवाओं की कमी हो गई है। इसके लिए कंपनी को कुछ दवा का आर्डर दिया गया है। साथ ही विभाग को भी हमने फंड के लिए लिखा है। जैसे ही हमें फंड उपलब्ध कराया जाता टेंडर के जरिए दवाओं की खरीदारी की जाएगी।

डॉ.विजय बिहारी प्रसाद, सीएस, रांची