- कानपुर में नहीं मिल सकी हजारों कामगारों और कर्मचारियों को सैलरी

- कैश सप्लाई के आरबीआई के दावे फेल, कई बैंकों में 12 बजे ही खत्म हो गया कैश

KANPUR: कानपुर के लाखों कामगार और कर्मचारी गुरूवार को पहली तारीख होने के बाद भी खुश नहीं थे। क्योंकि उनके खातों में सैलरी तो आई, लेकिन वह निकाल नहीं सके। कैश की किल्लत आरबीआई के तमाम दावों के बाद भी बनी रही। सैलरी के लिए अरबों रुपया जो भेजा गया। एक तारीख की वजह से वह भी कम पड़ गया। इस बीच सरकारी कर्मचारियों से लेकर कामगारों की बैंकों व एटीएम के बाहर लाइनें देखी गईं।

अरबों आए फिर भी नाकाफी

1 दिसबंर को सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों व अफसरों की सैलरी बंटने की जानकारी होने के बावजूद आरबीआई ने मांग से बेहद कम कैश कानपुर भेजा था। दावा यह भी है कि जल्द ही सैलरी बांटने के लिए 7 हजार करोड़ से ज्यादा नकदी आरबीआई के पास आएगी। हालांकि दावों की हवा गुरूवार को ही निकल गई। खाते से एक दिन में 10 हजार तक मैक्सिमम निकालने की लिमिट के बाद भी करेंसी की कमी कई बैंकों में साफ नजर आई।

सरकारी कर्मचारियों ने लगाई लाइनें

लेबर आफिस स्थित पीएनबी की शाखा के बाहर सैलरी निकालने को सरकारी कर्मचारियों की लंबी लाइन दिखाई पड़ी। सरकारी आफिसेस के आस पास स्थित ब्रांचेंस में खास तौर पर ज्यादा भीड़ नजर आई। कचहरी और माल रोड स्थित बैंकों की ब्रांच में कैश की बराबर सप्लाई तो हुई, लेकिन लिमिट का असर भी नजर आया।

बैंकों में कैश खत्म होने पर हंगामा

आरबीआई के बैंकों को ज्यादा कैश देने के दावों के बीच भी गुरूवार को कई बैंकों में कैश खत्म होने को लेकर हंगामा हुआ। पीरोड स्थित बीओबी की शाखा से लेकर साउथ की कई बैंक शाखाओं से 1 बजे के बाद नकदी नहीं होने की खबर भी आई। इस दौरान लाइन में लगे लोगों ने हंगामा किया।

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इंडस्ट्रियल एरिया में हालात खराब

नोटबंदी के बाद से पूरी तरह से ठप पड़े पनकी व दूसरे इंडस्ट्रियल एरियाज में नकदी की कमी का असर साफ नजर आ रहा है। हालांकि इस बीच फैक्ट्रियों में काम करने वाले जिन कामगारों को नकद मजदूरी मिलती थी उनके खाते खुलवाने में तेजी आई है, लेकिन कैश नहीं होने की वजह से उन्हें समय पर सैलरी मिल भी पाएगी, इसको लेकर संशय है। पनकी, दादा नगर और कोपेस्टेट में वैसे तो सैलरी 7 तारीख के करीब आती है, लेकिन किल्लत की वजह से कोपेस्टेट चेयरमैन की तरफ से 7 दिसंबर से बंदी कॉल की गई है।

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कैश की किल्लत देख जमा किए 10 लाख के छोटे नोट

आम पब्लिक कैश की किल्लत खास तौर से छोटे नोटों की कमी से परेशान है। ऐसे में बुधवार को विजया बैंक में एक बुजुर्ग ने आम पब्लिक की मदद के लिए मिसाल पेश की। ई ब्लॉक किदवई नगर निवासी मोबाइल शोरूम संचालक रामेंद्र अवस्थी की मां संतोष अवस्थी ने विजया बैंक में 10 लाख 9 हजार रुपए के नोट जमा कराए। बैंक मैनेजर अनुज अवस्थी ने बताया कि संतोष अवस्थी ने 100 की 47 गड्डियां, 10 की 7 गड्डियां, 50 रुपए के नोटों की 2 गड्डी, 20 के नोट की 1 गड्डी और 260 दो हजार रुपए के नोट जमा कराए हैं। इस दौरान संतोष अवस्थी का बैंक कर्मचारियों ने फूलों की माला पहना कर धन्यवाद किया।