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PRAYAGRAJ: लोकसभा चुनाव 2019 की तिथि निर्धारित होने के बाद राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी रणभूमि में अपने-अपने योद्धाओं को उतारना शुरू कर दिया है. दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने गुरुवार को नगर निगम प्रयागराज के पार्षदों के साथ चुनाव पर चर्चा की, इसमें पार्षदों ने अपनी राय रखी.

जनता के मुद्दों से भटक रही पार्टियां
पार्षद मो. आजम ने कहा कि आज जिस तरह से पूरे देश में माहौल बन रहा है, उसमें जनहित के मुद्दे तो राजनीतिक दलों के मुददों से गायब ही हो गए हैं. कोई भी राजनीतिक पार्टी इस समस्या पर मंथन नहीं कर रही है कि वह बेरोजगारी को दूर करने और रोजगार बढ़ाने के लिए क्या करेगी.

मुद्दों की बजाय शिगूफों का दौर
पार्षद अजय यादव ने कहा कि देश के विकास के लिए तमाम मुद्दे हैं, लेकिन आज मुद्दों पर चर्चा के बजाय शिगुफे छोड़े जा रहे हैं. स्थिति ये है कि राजनीतिक दलों के शिगुफे ही आज मुद्दे बन जा रहे हैं. चाहे वह चाय वाला का शिगुफा हो, चौकीदार या फिर पकौड़े का शिगुफा हो. इसके जरिये लोगों को बांटा जा रहा है.

पार्टी नहीं अव्यवस्था से लड़ें
देश में लोकसभा चुनाव को लेकर जो माहौल बन रहा है या फिर बनाया जा रहा है, उसका सिर्फ एक ही मकसद है. एक पक्ष को हराना है और दूसरे पक्ष को जिताना है. जबकि कोई भी देश ऐसे राजनीतिक पार्टी के नेतृत्व में आगे नहीं बढ़ सकता है, जिस पार्टी का मकसद केवल विरोधी को हराना और खुद को आगे बढ़ाना हो.

जो प्रमुख मुद्दे हैं, उन्हें मेन स्ट्रीम से गायब कर दिया गया है. लेकिन जिन मुद्दों से एक आम आदमी नहीं, बल्कि राजनीतिक दल प्रभावित होता है, उन्हीं मुद्दों को ज्यादा हवा दी जा रही है.
- अशोक सिंह

सीबीआई, आरबीआई से लेकर देश की अन्य संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा हमला हो रहा है, जोकि गलत है. क्योंकि संवैधानिक संस्थाओं पर हमला नहीं होना चाहिए.
- कमलेश सिंह

आज शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के बेहतरी की बात नहीं होती है. बस केवल इंटरनेशनल लेवल के मुद्दों पर बहस होती है. जबकि देश की शिक्षा व्यवस्था सबसे ज्यादा ध्वस्त है.
- राजेश कुशवाहा

सरकार किसी की भी हो मुद्दा तो बस केवल डेवलपमेंट ही होना चाहिए. सरकार किसी भी पार्टी की बने देश का विकास होना चाहिए. आज आजादी के 72 वर्ष बाद भी भारत विकसित देशों की श्रेणी में क्यों नहीं शामिल है.
- कुसुमलता गुप्ता

सरकार किसी की भी आए वह किसानों की समस्या, उनके बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाने का वादा करती है तो उस पार्टी की सरकार को मौका मिलना चाहिए.
- अखिलेश सिंह

बेरोजगारी के मुद्दे ने ही 2017 में यूपी का तख्ता पलट किया. आज तख्ता पलट होने के बाद बेरोजगारों और बेरोजगारी का आंकड़ा पहले के बराबर या फिर पहले से ज्यादा है. आखिर इस सच को कैसे नकारेंगे.
- मो. आजम