-नगर निगम व पीडब्ल्यूडी से बिना परमिशन लिए खोद दी गई रोड्स, पब्लिक हो रही परेशान

-जलनिगम, ओएनजीसी, आईपीडीएस व मोबाइल कम्पनियों ने सैकड़ों जगह की रोड कटिंग

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VARANASI

Case-1

तीन महीने पहले एक निजी मोबाइल कम्पनी ने ओएफसी बिछाने के लिए महमूरगंज में रोड कटिंग करा दी। इससे पेयजल की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई। दर्जनों मोहल्लों में वाटर सप्लाई ठप हो गई। जलकल ने कम्पनी पर केस दर्ज कराया और भारी जुर्माना ठोंका।

ष्टड्डह्यद्ग-2

कुछ समय पहले मलदहिया के पास एक निजी कम्पनी ने रात में रोड की खोदाई करा दी। इससे सीवर लाइन टूट गई और गंदा पानी रोड पर बहने लगा। रोड कटिंग के लिए नगर निगम से परमिशन नहीं ली गई थी। कम्पनी पर केस दर्ज कराया गया।

ष्टड्डह्यद्ग-3

पिछले महीने कैंट-सिगरा मार्ग पर यूपी जलनिगम ने पेयजल पाइप लाइन बिछाने के लिए कई जगह सड़कों पर खोदाई करा दी। काम पूरा होने के बाद रोड को मेंटेन जरूर किया गया, लेकिन खराब गुणवत्ता की वजह से तीन दिन में ही सड़क धंस गई।

ये तीनों केसेज तो मामले महज बानगी भर हैं। हकीकत यह है कि पिछले तीन महीनों में नगर निगम व पीडब्ल्यूडी से बगैर परमिशन लिए जलनिगम, जलकल, कार्यदायी संस्थाओं और मोबाइल कम्पनियों ने शहर में सैकड़ों जगहों पर रोड्स और गलियों में खोदाई करा दी। सड़कें खुदती रहीं और नगर निगम व पीडब्ल्यूडी अंजान बने रहे। कुछेक मामलों में मोबाइल कम्पनियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई और जलनिगम को नोटिस भी जारी की गई, लेकिन इसके बाद भी काम जारी रही।

रूल्स नहीं करते फॉलो

दरअसल, शहरी एरिया में रोड कटिंग करने के लिए सम्बंधित कार्यदायी संस्था और मोबाइल कम्पनियों को नगर निगम से परमिशन लेनी होती है। अगर सड़क पीडब्ल्यूडी की है तो भी यह नियम लागू होता है। रोड कटिंग की परमिशन के बाद निगम या पीडब्ल्यूडी में प्रति स्क्वायर मीटर के हिसाब राशि जमा करनी होती है, लेकिन इस रूल को फॉलो करने में ढिलाई बरती जाती है। वहीं निगम की ओर से कड़ा एक्शन नहीं लेने से भी ऐसी मनमानी की जा रही है। बिना परमिशन लिए जगह जगह सड़कों पर खोदाई कराये जाने से पब्लिक को आने जाने में काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है।

महज 'इंफॉर्मर के भरोसे निगम

निगम के पास ऐसा कोई मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं है, जिससे अवैध तरीके से सड़कों को नुकसान पहुंचा रहे लोगों पर नजर रखी जा सके। यही कारण है कि लगातार सड़कों को नुकसान पहुंचाने के मामले सामने आ रहे हैं। अगर किसी व्यक्ति ने जानकारी दे दी तो ठीक, नहीं तो निगम को अपने लेवल से जब तक जानकारी मिलती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। मिनी सदन की बैठक में पार्षदों ने भी इस मुद्दे को उठाया था और एक्शन प्लान बनाने की मांग की थी, लेकिन इस दिशा में ठोस निर्णय नहीं हो पाया।

इन्होंने की रोड कटिंग

- जलनिगम (पेयजल यूनिट)

- जलनिगम (गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई)

- एयरटेल

- रिलायंस जियो

- ओएनजीसी

- आईपीडीएस

- राज्य सेतु निगम

एक नजर

135

जगहों पर रोड कटिंग हुई पिछले तीन महीनों में

60

लाख से ज्यादा आएगी मेंटीनेंस पर लागत

07

कार्यदायी संस्थाओं व मोबाइल कम्पनियों को नोटिस जारी

02

करोड़ रुपये आईपीडीएस ने रोड कटिंग के एवज में किया भुगतान

03

कम्पनियों व संस्थाओं पर हुआ केस दर्ज

बिना परमिशन लिए रोड कटिंग करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। जुर्माना भरने के लिए नोटिस जारी की गई है। इंजीनियर्स को अनुमति लिए बगैर रोड कटिंग रोकने व प्रॉपर मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया गया है।

डॉ। नितिन बंसल, नगर आयुक्त

कार्यदायी संस्थाओं की खोदाई से सड़कें जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इन स्थानों को चिन्हित कराकर नोटिस भेजने की कार्यवाही की जा रही है। विभाग अपनी रोड्स पर नजर भी रख रहा है।

आरआर गंगवार, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी