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रोड पटरी पर होता है पर डे 10 करोड़ से अधिक का बिजनेस

शहर में 40 हजार से अधिक पटरी के दुकानदार, एक भी वेंडिंग जोन नहीं

balaji.kesarwani@inext.co.in

ALLAHABAD: एक तरफ इंक्रोचमेंट हटाने वाली टीम काम करके जाती है और पीछे से दुकानें फिर आबाद हो जाती हैं। चूहे-बिल्ली का यह खेल कब तक चलेगा? यह सवाल बड़ा होता जा रहा है। करीब एक लाख घरों के चूल्हा जलने के इस जुगाड़ को उजाड़ने की कोशिश साल में दर्जनो बार होती है। लेकिन, निगम के प्रावधान के अनुसार वेंडिंग जोन बनाने का काम दो साल बाद भी अधूरा है। इन दिनों नगर निगम और प्रशासन की सख्ती के चलते करीब 15 करोड़ की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित है। दस मई 2017 को प्रदेश सरकार ने फेरी नीति लागू करते हुए पटरी के दुकानदारों को बसाने का आदेश कर दिया है। इसके बाद भी निगम इस दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है।

पटरी मार्केट पर ज्यादा है फुट फॉलिंग

शहर में कई बड़ी-बड़ी दुकानें, मॉल और कंपनियों के एक्सक्लूसिव शो रूम हैं। मॉल्स में सब्जी से लेकर टेलीविजन तक उपलब्ध है लेकिन फुटफॉलिंग के मामले में पटरी मार्केट इस पर भारी है। संडे को चौक और मंगलवार को कटरा में सिर्फ पटरी मार्केट ही चलती है। यह पटरी मार्केट की लोकप्रियता बताती है। यहां हर क्लास की जेंट्री भी आती है। रेस्टोरेंट में जाने वाली जेंट्री अलग है और स्ट्रीट फूड को पसंद करने वाली जेंट्री अलग। इस मार्केट पर भी स्ट्रीट वेंडर्स का कब्जा है।

40000 शहर में पटरी दुकानदार

10 करोड़ तक है पर डे का बिजनेस

250 करोड़ मंथली बिजनेस होता है वेंडर्स के जरिए

40000 लोगों को रोजगार देता है फुटपाथ मार्केट

06 करोड़ है भारत में खुदरा व्यापार करने वाले पथ विक्रेताओं की संख्या

नई फेरी नीति के प्रावधान

फेरी नीति के अनुसार पथ विक्रेता के लिए टाउन वेंडिंग कमेटी बनाई जाएगी

टाउन वेंडिंग कमेटी में 40 प्रतिशत में वेंडर, एक तिहाई महिला के साथ ही अन्य लोग शामिल होंगे

टाउन वेंडिंग कमेटी ही तय करेगी कि पटरी के दुकानदार हटाए जाएं या नहीं

साल भर से चल रहा सर्वेक्षण

अब तक शहर में 12 हजार 500 दुकानदारों किया गया सर्वेक्षण

सर्वेक्षण के बाद जारी होगा पहचान पत्र, फिर जारी होगा लाइसेंस

पटरी दुकानदारों के अंगूठे का लिया जा रहा है निशान

पटरी दुकानदारों के लाइसेंस को आधार से किया जाएगा लिंक

टाउन वेडिंग कमेटी वेंडिंग जोन चयनित करने के बाद चार बाई चार का स्थान देगी दुकानदारों को

अवैध निर्माण हटाने के नाम पर एडीए और नगर निगम केवल पटरी के दुकानदारों पर कहर ढा रहा है। इलाहाबाद आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने पटरी के दुकानदारों को बसाने का आश्वासन दिया था। उन्होंने अधिकारियों को भी आदेश दिया था। यहां सीएम के आदेश के बाद भी दुकानदारों को केवल खदेड़ा जा रहा है।

रविशंकर द्विवेदी

प्रदेश महामंत्री

आजाद हॉकर स्ट्रीट वेंडर यूनियन

स्ट्रीट फूड का मजा ही कुछ और है। जो खाने में न सिर्फ बढि़या होता है। बल्कि रेस्टोरेंट और बड़ी दुकानों से सस्ता भी होता है। मैं एक बड़े स्टोर में काम करता हूं, लेकिन, जब कुछ खाना होता है तो रेस्टोरेंट कम स्ट्रीट फूड ज्यादा पसंद करता हूं।

ओम सिंह

पटरी के दुकानदार भी इस शहर का हिस्सा हैं। उन्हें भगाने के बजाय ऐसा स्थान देना चाहिए जहां वे अपनी दुकान लगा सकें। गरीबों के साथ ही मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यही दुकानें सहारा हैं।

ऋषभ यादव

अन स्टैबलिश मार्केट में जो सामान कम रेट में मिल जाता है, वही सामान मॉल व दुकानों पर महंगा मिलता है। पटरी के दुकानों पर मोल भाव भी हो जाता है। पटरी की दुकानें भी रहें और इंक्रोचमेंट भी न हो, इसलिए एडमिनिस्ट्रेशन को जगह सुनिश्चित करनी चाहिए।

अमिता मौर्या

सिविल लाइंस अक्सर जाती हूं, लेकिन जब कुछ खाना होता है तो रेस्टोरेंट की अपेक्षा रोड साइड लगी चाट, फास्टफूड और आईस्क्रीम की दुकानों पर जाना ज्यादा पसंद करती हूं। इन दिनों सिविल लाइंस तो बदल गया है, लेकिन दुकानें गायब हो गई हैं। इनका भी स्थान फिक्स होना चाहिए।

मौसमी कलिता सचदेवा

मैं एमजी रोड पर ठेले पर पान की दुकान लगाता हूं। इसी से मेरा परिवार चलता है। लेकिन आए दिन पुलिस का डंडा बरसता है। सीएम ने स्थान दिलाने का आश्वासन भी दिया है, फिर भी पुलिस डंडा बरसाती है।

प्रकाश चंद साहू

ठेला लगाकर अगर हम अपना परिवार चलाते हैं तो क्या कोई गुनाह करते हैं। हमें अगर एक उचित स्थान दे दिया जाए तो हम वहीं चले जाएंगे। जिसका किराया देने को भी हम तैयार हैं।

कुशल जायसवाल