-नहीं शुरू हुई है मानसून की तैयारी

-अभी से कंपा रही पिछले साल की मुसीबत

-नालों पर नहीं लगा है स्लैब

-गुरुवार को नाले में बहने से फरहान की हो गई थी मौत

JAMSHEDPUR: शहर में मानसून के दस्तक देने में अब कुछ ही दिन बजे हैं, लेकिन जुगसलाई नगर पालिका और मानगो अक्षेस में मानसून की तैयारी की शुरुआत भी नहीं हुई है। शहर के तमाम नालों में गंदगी का अंबार है। नालों पर स्लैब भी नहीं लगाया गया है। इससे नालों में कचरा तो जमा होता ही है लोगों के गिरने का भी डर बना रहता है। मानगो अक्षेस की लापरवाही का उजागर करने के लिए शुक्रवार की घटना ही काफी है। बारिश के बाद क्ख् वर्षीय फरहान की मौत आजादनगर में नाले में बहने से हो गई थी। वह डीबीएमएस का छात्र था।

नहीं भूले हैं पिछले साल की बरसात

आदर्श नगर डिमना रोड मानगो के रहने वाले लोगों के जेहन में पिछले साल की जोरदार बारिश अभी भी ताजा हैं। पिछले साल जब मानसून आया और जोरदार बारिश हुई, तो कालिका नगर डिमना रोड नाला उफना था। आदर्श नगर की सड़कों पर कमर तक पानी भर गया था। इस मुहल्ले के लगभग क्00 घरों में इतना पानी घुसा था कि घर के छोटे-मोटे सामान बह गए थे। लोगों ने अगले दिन तक घरों में कमर तक घुसा पानी निकाला। लोग दो दिनों तक घर और छतों पर कैद होकर रह गए थे। मौसम विभाग ने इस साल क्0 जून तक मानसून आ जाने की उम्मीद जताई है। विभाग यह संभावना भी व्यक्त कर रहा है कि इस साल भी बारिश लगभग सामान्य होगी। आदर्श नगर के लोग अभी से इस बात को लेकर सहमे हैं कि कहीं इस साल भी उन्हें वही परेशानी नहीं हो, जो पिछले साल हुई थी। पिछले साल भी मानगो अक्षेस प्रशासन ने कालिका नगर डिमना रोड नाला साफ करवा लेने का दावा किया था और इस साल भी मानसून आने से पहले नाले को साफ करा लेने का दावा कर रहा है। मानसून आने में अब बहुत दिन बाकी नहीं रह गए हैं। यदि समय से इस क्षेत्र के तमाम नालों की सफाई के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए गए तो इस साल भी मानगो के लोगों के लिए मानसून मुसीबत बनकर आएगा।

इन नालों में भरा है कचरा

कपाली नाला, जाकिर नगर-दाईगुट्टू नाला, कालिका नगर-डिमना रोड नाला, पारस नगर नाला, मून सिटी-राजीव पथ नाला, जवाहर नगर क्फ् नंबर रोड नाला, नित्यानंद कॉलोनी नाला और चूना शाह कॉलोनी से टैंक रोड उलीडीह नाला।

क्या है हकीकत

नालों की मानसून आने से पहले सफाई का दावा अक्षेस प्रशासन कर रहा है, इनमें से किसी भी नाले की लंबाई एक से डेढ़ किमी से कम नहीं है। इस समय उपरोक्त सभी नालों की हालत ये है कि इनमें पानी बह भी नहीं पा रहा है। कालिका नगर नाले को ही लें तो इस नाले में कीचड़, कचरा और घास-फूस अटा पड़ा है। पांच फीट चौड़े इस नाले का वजूद आदर्श नगर में मुश्किल से दो फीट भी नहीं दिखाई पड़ रहा है। नाले में गंदा पानी जाम होने से पूरे इलाके में दुर्गध फैल गई है। मुहल्ले के लोगों का जीना दूभर हो गया है। कुछ ऐसी ही हालत मून सिटी-राजीव पथ नाले की भी है। मून सिटी के सामने यदि नाले को देखें तो नाले में इतनी कीचड़ और कचरा जमा है कि नाले का वजूद समाप्त होता नजर आ रहा है। इस नाले में पानी अपने लिए पतला सा रास्ता बनाकर धीरे-धीरे रिस रहा है। स्थानीय लोगों को तो इस नाले की सफाई कब हुई थी, यह तक याद नहीं है। पूरा इलाका मच्छरों के प्रकोप से त्रस्त है। लोग बरसात को लेकर अभी से भयभीत हैं। क्योंकि पिछली बरसात में लोगों जो भुगता है, उसकी आशंका उन्हें अभी से सता रही है।

क्या है तैयारी

मानगो अक्षेस क्षेत्र के आठों नालों की सफाई का डीपीआर तैयार है। क्रियान्वयन की प्रक्रिया चल रही है। मानसून से पूर्व सभी नालों की सफाई का काम पूरा हो जाएगा। जैसा कि पिछले साल हुआ था। मानगो के सभी तीनों वार्डो में नालों की सफाई का काम अलग-अलग एजेंसी या ठेकेदार को दिया जाएगा। उन्हें सख्त हिदायत हो कि मानसून से पहले हर हाल में सफाई का काम पूरा कर लें।

ये है विरोधाभास

जुगसलाई नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि पिछले साल भी नालों की सफाई कराई गई थी। अब सवाल ये उठता है कि यदि नाले साफ हुए थे तो फिर आदर्श नगर इलाके के घरों में कमर तक नाले का पानी कैसे घुस गया। यह भी हकीकत है कि यदि नालों की सफाई समय से हो जाती है तो पूरा क्षेत्र बरसात में जल जमाव की समस्या से मुक्त हो जाएगा। यदि इस साल भी पिछले साल जैसी ही सफाई की बात हो रही है तो फिर ऊपर वाला ही माि1लक है।

क्या कहते हैं लोग

हमने तो कभी इस नालों की सफाई होते कभी नहीं देखा। बरसात में नाला लबालब भर जाता है। इस नाले का पानी सड़कों पर इस कदर बहता है कि मानो सड़क ही नाला बन गई हो।

रिता देवी

नाले की सफाई नहीं होने से दुर्गध के कारण अभी से ही जीना मुश्किल हो गया है। बरसात में तो और परेशानी बढ़ेगी। गंदा और बदबूदार पानी हम लोगों के घरों में भी घुसता है।

-संतोष कुमार

नाला हमेशा जाम रहता है। इस कारण पानी बह नहीं पाता है और जब बारिश होती है तो नाले के पानी उफनाकर पूरे मुहल्ले में भर जाता है। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।

निरमा

नाले में पानी बहाने के मुद्दे पर हमेशा मारपीट होती है। वैसे तो साल भर में कभी नाले की सफाई भी नहीं होती है। बरसात में तो कम से कम नाला साफ किया जाना चाहिए।

मीरा देवी

घनी आबादी के पास नालों की दीवार को ऊंचा कराया जाएगा। इसके लिए इंजीनियरों को निर्देश दिया गया है। मानगो अक्षेस में बरसात के पहले नालों की साफ-सफाई के लिए टेंडर निकाल दिया गया है। जुगसलाई इलाके में नालों की सफाई भी शुरू कर दी गई है।

-जेपी यादव, मानगो अक्षेस के विशेष पदाधिकारी