- सप्लाई पाइप, मेंटेनेंस आदि पर हो रहे करोड़ों खर्च

- इसके बाद भी नहीं मिल रहा है पब्लिक को पानी

GORAKHPUR: नगर निगम एरिया में गोरखपुराइट्स तक पीने के साफ पानी की सुविधा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी आधा शहर पानी की सुविधा से वंचित है. जल निगम और जलकल की ओर से पानी सप्लाई की सुविधा पहुंचाने के लिए कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है लेकिन अभी तक यह पूरे शहर को पानी दे पाने में भी असफल साबित हुए हैं. निगम के दायरे में स्थित 1,32,013 घरों में से 71,400 तक ही पानी की सुविधा पहुंचाई जा सकी है. जबकि पानी सप्लाई के लिए ही केंद्र व राज्य सरकार दोनों की योजनाएं काम कर रही हैं. अभी भी कई बड़ी ऐसी योजनाएं हैं जो वर्षो से अटकी हुई हैं. हालांकि जलकल प्रशासन का कहना है कि इस दिशा में काम किया जा रहा है. जल्द ही सभी घरों तक पानी पहुंचा दिया जाएगा.

यूआईडीएसएसएमटी के लिए 17 करोड़

शहर में जल निगम की ओर से निर्माण करवाए जा रहे अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम फॉर स्मॉल एंड मीडियम टाउन 'यूआईडीएसएसएमटी' के तहत जल निगम को शासन से 17 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं. यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत जल निगम 51 करोड़ की लागत से 22 नलकूप, 22 पंप हाउस, 307 किमी पाइप लाइन, राइजिंग मेन 14.93 किमी, शिरोपति जलाशय 8 नग, पंपिंग प्लांट 22 नग व 22 विद्युत संयोजन का निर्माण करवा रहा है. बजट के अभाव में निर्माण कार्य रुका हुआ था जिसमें अब तेजी आ जाएगी.

वर्षो से रुके हुए हैं काम

जलकल सहित स्थानीय प्रशासन अभी तक 60,613 घरों तक पानी नहीं पहुंचाया जा सका है. नगर निगम में चक्सा हुसैन, नथमलपुर, फतेहपुर, सालीग्राम, चारगांवा, इलाहीबाग, नौसड़ सहित कई वार्डो में पानी पहुंचाने की कवायद की जा रही है. यूआईडीएसएसएमटी के तहत 22 नलकूप, 22 पंप हाउस, 307 किमी वितरण प्रणाली, राइजिंग मेन 14.93 किमी, शिरोपति जलाशय 8 नग, पंपिंग प्लांट 22 नग और 22 विद्युत संयोजन तैयार किया जाना है.

योजना पर खर्च हो रहे करोड़ों

गोरखपुर शहर में जलापूर्ति योजना स्वीकृत लागत - 312.55 लाख

जलापूर्ति योजना नलकूप आटोमेशन कार्य स्वीकृत लागत - 853.80 लाख

यूआईडीएसएसएमटी योजना के तहत - 5132.51 लाख

स्टेट सेक्टर की योजना की लागत - 123 लाख

अमृत योजना की लागत - 17 करोड़

वर्जन

सभी लोगों तक पीने का साफ पानी पहुंचाने को जलकल प्रतिबद्ध है. कुछ योजनाएं बजट के अभाव में रुकी हुई थीं, जल्द ही उनका निर्माण तेजी से पूरा करवाया जाएगा.

- प्रमोद गुप्ता, जीएम जलकल