नई दिल्ली (पीटीआई)। आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि सरकार इस तरह की किसी योजना पर काम नहीं कर रही है जैसा खबरों में संकेत दिया जा रहा है। खबरों में बताया जा रहा था कि बिना रसीद वाले सोने को घोषित करके टैक्स चुकाने के लिए सरकार लोगों को वक्त देगी। इस योजना के खत्म होने के बाद एक तय सीमा से अधिक बिना रसीद के सोना पाए जाने पर सरकार मोटा जुर्माना वसूल करेगी। खबर में इस बात का भी जिक्र था कि इस योजना में संस्थाओं और मंदिरों का सोना भी शामिल रहेगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास ऐसी कोई योजना नहीं

सूत्रों ने बताया कि इनकम टैक्स विभाग किसी प्रकार के गोल्ड माफी स्कीम पर काम नहीं कर रहा है। इससे संबंधित मीडिया रिपोर्टों को सरकारी सूत्रों ने निराधार बताया। उन्होंने कहा कि सरकार अघोषित सोने को लेकर व्यक्तिगत, संस्था या मंदिरों के लिए ऐसी कोई स्कीम नहीं ला रही है। जैसे-जैसे बजट की तारीख नजदीक आती हैं या इसकी तैयारियां शुरू होती हैं, मीडिया में इस प्रकार के कयास लगने शुरू हो जाते हैं।

मीडिया रिपोर्ट में पीएमजीकेवाई का भी था जिक्र

इन रिपोर्टों में कहा गया था कि नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की सीमित सफलता को देखते हुए सरकार स्वर्ण माफी योजना यानी गोल्ड एमनेस्टी स्कीम की घोषणा कर सकती है। खबरों में इस बात के भी संकेत दिए गए थे कि सरकार इस योजना के तहत काले धन को निवेश का एक सुनहरा मौका देना चाहती है ताकि लोग बिना रसीद के खरीदे गए सोने को टैक्स देकर वैध कर सकें। एक अनुमान के मुताबिक, भारतीयों के पास तकरीबन 20,000 टन सोना है। अनअकाउंटेड इंपोर्ट, पुश्तैनी सोना वैध हो जाए तो यह आंकड़ा 25 से 30 हजार टन तक पहुंच सकता है।

तकरीबन सभी पैसे वापस आ गए थे नोटबंदी के बाद

ध्यान रहे कि ब्लैक मनी खत्म करने को लेकर सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर करने का फैसला किया था। हालांकि 500 रुपये और 1,000 रुपये के 99.3 प्रतिशत पुराने नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए थे। वापस आ चुके पुराने नोटों में 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट शामिल थे।

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