-शिक्षण संस्थानाओं और प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा भुगत रहे दिव्यांग

बरेली: दिव्यांगों के लिए सरकार की तरफ से सहूलियत देने और बढ़ावा देने के लिए बहुत सी योजनाएं चल रही है। सभी विभागों को दिव्यांगों को सुविधा देने के लिए लगातार निर्देश भी दिए जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी में दिव्यांगों का कितना ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ट्यूजडे को एमजेपीआरयू और बरेली कॉलेज में दिव्यांगों की सुविधाओं के लिए रियलिटी चेक किया। तो हकीकत सामने आ गई।

एमजेपीआरयू प्रशासनिक भवन

स्टूडेंट्स की कम्प्लेन एक ही जगह सॉल्व हो सके इसके लिए आरयू ने एक एकल काउंटर बना दिया है। जहां पर स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान भी होता है। इसके साथ ही माइग्रेशन, मार्कशीट और उपाधि के लिए काउंटर बनाए गए है। लेकिन यह सभी काउंटर करीब चार फिट से पांच फिट की ऊंचाई पर बना दिए है। इन किसी काउंटर पर दिव्यांग के लिए पहुंचना तो दूर की बात काउंटर पर जाने की सोच भी नहीं सकते हैं। दिव्यांगों के लिए प्रशासनिक भवन में कोई टॉयलेट भी नहीं बना। जबकि जो सभी लोगों के लिए टॉयलेट बने हुए हैं उन्हीं टॉयलेट में भी दिव्यांगों के लिए जाना पड़ता है।

व्हील चेयर भी नहीं

प्रशासनिक भवन की बिल्डिंग के अंदर कोई भी दिव्यांग एंट्री करेगा तो उसके लिए सीढि़यों से होकर ही जाना पड़ेगा। इसके बाद आरयू प्रशासन भवन के अंदर दूसरी मंजिल तक जाने के लिए रैंप बनवाई है। लेकिन पूरी प्रशासनिक भवन में व्हील चेयर आदि की कोई व्यवस्था नहीं है।

सेकंड फ्लोर पर बीकॉम क्लासेज

शहर के मेन कॉलेजों में शुमार बरेली कॉलेज भी दिव्यांगों के लिए सुविधाओं की अनदेखी कर रहा है। कॉलेज में स्टूडेंट्स के लिए अधिकांश डिपार्टमेंट में तो दिव्यांगों को एंट्री के लिए रैंप भी नहीं बनाए गए है। इससे दिव्यांगों को एंट्री करने में भी प्रॉब्लम होती है। कॉलेज में बीकॉम की क्लासेस सहित कई क्लासेस सेकंड फ्लोर पर चलती है। लेकिन दिव्यांगों के लिए पहुंचने के लिए रैंप आदि की कोई व्यवस्था नहीं है। इससे दिव्यागों को मुश्किल से किसी तरह अपनी क्लासेस में पहुंच पाते हैँ।

=================

-दिव्यांगों को शिक्षण संस्थान में कोई असुविधा न हो इसके लिए शिक्षण संस्थान के साथ प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए। लेकिन इसके लिए ध्यान नहीं दिया जाता है। यह एक गंभीर विषय है।

गौरव

-------------

-शिक्षण संस्थानों में दिव्यागों के लिए कम से कम उनके लिए रैंप, व्हील चेयर आदि के साथ अलग टॉयलेट की व्यवस्था तो होनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं है। जो गलत है। इसके लिए शिक्षण संस्थान दोषी है। उन्हें सुधार करना चाहिए।

कमल

-------------------

-शिक्षण संस्थान कोई भी हो उसमें दिव्यांगों की सुविधाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। क्योंकि जब दिव्यांगों को प्राब्लम होगी तो वह कैसे शिक्षा गृहण कर पाएंगे। शिक्षण संस्थानों को इस विषय पर गौर करना चाहिए।

राहुल

--------------

-शिक्षण संस्थानों में दिव्यागों के लिए कोई असुविधा न हो इसके लिए ध्यान देना चाहिए। क्योंकि दिव्यांग को फीस देने के बाद भी परेशान होना पड़ता है इस पर प्रशासन को भी ध्यान देने की जरूरत है।

मनोज