-फुटेज रिकॉर्ड नहीं होने से हो सकती है प्रॉब्लम

RANCHI : रिम्स में इलाज के लिए आनेवाले लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम चल रहा है। इस दौरान हॉस्पिटल के कई जगहों पर कैमरे का इंस्टालेशन भी किया जा चुका है, लेकिन ये कैमरे फिलहाल किसी काम के नहीं है। क्योंकि इसमें कोई फुटेज रिकॉर्ड ही नहीं हो रहा है। अगर रिम्स में कोई घटना घट जाती है तो इसकी सच्चाई का पता लगाना मुश्किल होगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कैमरे इंस्टॉल कर दिए जाने के बाद भी रिकॉर्डिग क्यों नहीं की जा रही है।

कुछ देर की हो रही रिकॉर्डिग

वार्डो में जितने कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं, उनमें कुछ देर की ही रिकॉर्डिग हो रही है। उसके बाद कैमरा पिछले रिकॉ‌र्ड्स को स्टोर नहीं करता है और नए फुटेज रिकॉर्ड करना शुरू कर देता है। ऐसे में पिछला रिकॉर्ड मिलना मुश्किल है।

क्00 सीसीटीवी कैमरे

हॉस्पिटल में सुरक्षा की दृष्टि से कैंपस और सभी वार्डो में क्00 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। इस दौरान कई वार्डो में सीसीटीवी का इंस्टॉलेशन भी हो चुका है। वहीं अन्य जगहों पर कैमरा लगाने का काम जारी है। इसके लिए रांची की जीना कंपनी को जिम्मा दिया गया है। कंपनी यह काम पिछले बीस दिनों से कर रही है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका है।

वर्जन

अभी तो हॉस्पिटल में कैमरा लगाने का काम चल ही रहा है। इसलिए जबतक काम पूरा नहीं होता फुटेज रिकॉर्ड नहीं किया जा सकेगा। काम पूरा होते ही रिकॉर्डिग शुरू हो जाएगी।

डॉ। एसके चौधरी, डायरेक्टर, रिम्स

केके भगत को जमानत

लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत को गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। भगत को न्यायमूर्ति आरएन वर्मा की अदालत ने जमानत दी है। भगत आजसू पार्टी के लोहरदगा विधायक थे। गौरतलब हो कि ख्फ् जून को कमल किशोर भगत और एलेस्टर बोदरा को न्यायायुक्त कृष्ण कुमार की अदालत ने सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। भगत और बोदरा को अदालत ने ख्ख् जून को दोषी करार दिया था। इसके साथ ही दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था।