कैंपस में किया छात्रों को संबोधित

देशद्रोह मामले में आरोपी जेएनयू छात्र उमर खालिद और अनिर्बान ने तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद जेएनयू कैंपस एक बार फिर से कन्हैया की तर्ज पर ही छात्रों को संबोधित किया। अपने संबोधन में दोनों ने इस बात को दोहराया कि सरकार के खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा। इस मौके पर कैंपस में देशद्रोह के आरोपी कन्हैया समेत कई अन्य छात्र भी वहां पर मौजूद थे। आरएसएस पर निशाना साधते हुए उमर ने कहा कि वह सोचते हैं कि ऐसा करके हमारी ताकत को वह तोड़ देंगे लेकिन ऐसा नहीं होगा। हम और मजबूत होंगे। मैं आप सभी लोगों के बीच में खड़ा होकर पिछले ड़ेढ महीने से खुद को ज्यादा मजबूत महसूस कर रहा हूं। हम लोगों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हमें इस बात को लेकर शर्म नहीं है कि हमें इस धारा के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि देश के स्वतंत्रता सेनानी भी इसी आरोप में गिरफ्तार किए गए।' खालिद ने कैंपस में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार हमसे इस तरह से पेश आ रही है जैसे हम कोई आतंकी हैं।

जारी रहेगा सत्ता का विरोध

उमर ने कहा कि 'हम यहां से चिल्ला-चिल्लाकर बोलना चाहते हैं कि सरकार के खिलाफ हमारा विद्रोह जारी रहेगा। क्रिमिनल वो हैं जो पावर में हैं। सत्ता का विरोध करने वालों को हमेशा जेल में डाला गया।' खालिद ने अपने भाषण में पीएम मोदी और शिव सेना के प्रमुख बाला साहब ठाकरे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह अपने पर लगे देशद्रोह के आरोपों से नहीं डरते हैं। गौरतलब है कि उमर और अनिर्बान को उनके सरेंडर के करीब 26 दिनों के बाद जमानत मिली है।

जमानत पर हुए रिहा

देशद्रोह मामले में आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान को 25 हजार के निजी मुचलके पर पटियाला हाउस कोर्ट से 6 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। जमानत मिलने को बाद दोनों की जेल से रिहाई हो गई है। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि अंतरिम जमानत अवधि में अनिर्बान और उमर खालिद बिना कोर्ट की इजाजत लिए दिल्ली से बाहर नहीं जाएंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि कन्हैया कुमार का मामला उमर और अनिर्बान से अलग है। लिहाजा इन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

नहीं मिले ठोस सबूत

देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार उमर खालिद और अनिर्बान ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जांच एजेंसियों को अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। साथ ही कन्हैया को जमानत मिल चुकी है, लिहाजा उन्हें ज़मानत दी जाए।

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