याचिका भी दायर की

नेस्ले की मैगी ब्रांड की मुसीबते फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले सप्ताह में उसने बाजार में अपनी मौजूदगी भले ही दर्ज करा दी हो, लेकिन अभी भी वह पूरी तरह से परेशानियों से आजाद नही हुई है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (FSSAI) ने उसके और उसको लेकर बंबई हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आवाज उठाई है। ऐसे में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (FSSAI) ने मैगी नूडल्स से प्रतिबंध हटाने से जुड़े बंबई हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार का कहना है कि हाईकोर्ट का13 अगस्त का आदेश को एक गलती बताया है।

बिक्री के लिए उपलब्ध

एफएसएसएआई का यह भी कहना है कि हाईकोर्ट ने किसी तटस्थ प्राधिकार को तवज्जों नही दी। कोर्ट ने स्विस कंपनी की भारतीय इकाई नेस्ले को ही नए नमूने उपलब्ध कराने के लिए कह कर एक बड़ी गलती की है। इतना ही नहीं भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार ने इस मामले को लेकर और भी कई दलीले दी हैं।बतातें चलें कि नेस्ले इंडिया की मैगी दिवाली पर मैगी दोबारा से बिक्री के लिए उपलब्ध हो गई है। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील के साथ मैगी को लेकर करार किया है। जिसके चलते मैगी अब ऑनलाइन काफी तेजी से बिक रही है।

आदेश को निरस्त

हालांकि मैगी को कई राज्यों से अभी ऑफलाइन यानी रिटेल में बेचने की इजाजत नहीं है। जिससे अभी साधारण दुकानों में उसके पहुंचने में थोड़ा वक्त लगेगा। नेस्ले इंडिया देश के उन राज्यों में रिटेल बिक्री के लिए राज्य सरकारों से बातचीत कर रही है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने इससे पहले एफएसएसएआई और महाराष्ट्र खाद्य नियामक एफडीए के आदेश को निरस्त कर दिया था। इन्होंने देश में मैगी नूडल्स की नौ किस्मों पर रोक लगा दी थी। बताते चलें कि कुछ माह पहले नेस्ले इंडिया की मैगी में लैड की मात्रा अधिक पाए जाने से यह विवादों में घिर गई  थी। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाई गई थी।

inextlive from Business News Desk

Business News inextlive from Business News Desk