RANCHI: तमाम कोशिशों के बाद भी सिटी में खुले में मटन-चिकन बिकना बंद नहीं हुआ है। राजधानी में लगभग हर क्षेत्र में खुले में मटन-चिकन बिक रहा है। मटन-चिकन विक्रेता खुलेआम नियमों की धज्जियां उडा रहे हैं। जबकि नगर निगम भी आंखें बंद किए इन सबसे बेखबर बैठा है। कोकर, रातू रोड, पिस्का मोड़, कांटाटोली, हरमू डोरंडा समेत अन्य सभी इलाकों में खुले में मटन-चिकन बिक रहा है। डीजे आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में कई चौंकानेवाले खुलासे हुए।

अलॉट दुकानों में बिक्री नहीं

मधुकम सब्जी बाजार में मटन-चिकन विक्रेताओं के बीच दुकानें अलॉट कर दी गई हैं। लेकिन दुकानदार इन स्थानों पर दुकान नहीं लगा रहे। 39 दुकानदारों को जगह आवंटित की गई है, इसमें सिर्फ एक दुकानदार ही दुकान लगाता पाया गया। बाकी सभी अब भी पुराने स्थान पर ही चिकन, मटन और मछली बेच रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि नई जगह पर कुछ काम बाकी है, उसे खुद से पूरा करवाना है। इसमें वक्त लगेगा। वहीं जो दुकाने संचालित हो रही हैं वह भी नियमों को ताक पर रख कर ही संचालित की जा रही हैं।

बिना लाइसेंस अधिकतर दुकानें

अधिकतर दुकानें की अधिकतर दुकानें बिना लाइसेंस के ही संचालित हो रही हैं। सिटी में संचालित हो रही मटन, चिकन की अधिकतर दुकानें लाइसेंस लेने के योग्य भी नहीं हैं। क्योंकि इन दुकानों के लिए लाइसेंस लेने से पहले कई नियमों को मानना पड़ता है, जिसमें साफ-सफाई, पानी, नल, नाली, मांस के टुकडे़ को ढक कर रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन रोड साइड चलने वाली ये दुकान एक भी नियम का पालन नहीं कर रही।

कहां, कब, कैसी मिली स्थिति

गंदगी के बीच कट रहा चिकन-मटन

स्पॉट: कोकर डिस्टलरी तालाब

टाइम: 12 बजे

कोकर डिस्टलरी तालाब के पास दोपहर बारह बजे धड़ाधड़ मटन और चिकन कट रहे थे। खुले रोड साइड मांस काटा जा रहा है। रोड से हजारों लोग गुजरते हैं। मजबूरन लोगों को नाक पर रूमाल लेकर गुजरना पड़ता है। डिस्टिलरी तालाब के पास अधिकतर दुकानें की दर्जनों दुकानें सजती हैं। सुबह आठ बजे से मांस कटना शुरू हो जाता है। यहां गंदगी में ही मांस काटा और बेचा जाता है। हाईजेनिक मीट तो दूर की बात खुले में होने की वजह से मक्खियां भी मंडराती रहती हैं। डिस्टिलरी तालाब के विक्रेताओं को कहीं स्थाई जगह भी उपलब्ध नहीं कराई गई है।

दुकान अलॉट पर बेचेंगे खुले में

स्पॉट: मधुकम

टाइम: 2 बजे

मधुकम सब्जी मंडी के समीप भी खुले में मटन-चिकन बिक रहा है। यहां चारों तरफ गंदगी के बीच ही नॉनवेज की बिक्री होती है। बचे हुए मांस और हड्डियों को इसी स्थान पर फेंक भी जाता है, जिससे बदबू भी फैलती हैं। हालांकि इस स्थान के दुकानदारों को जगह उपलब्ध करा दी गई है। लेकिन अब भी ये मटन-चिकन विक्रेता खुले में ही बेच रहे हैं। दुकानदारों ने बताया कि अगले महीने से नए स्थान में दुकानें लगनी शुरू हो जाएंगी।

ताक पर सारे नियम-कानून

स्पॉट: कांटाटोली

टाइम: 04 बजे

कांटाटोली एरिया में भी रोड साइड मटन-चिकन-मछली की बिक्री होती है। नियमों को ताक पर रख कर मांस-मछली का व्यवसाय किया जाता है। राज्य में खुले में मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन सभी नियम हवा हो गए। कुछ महीने नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम ने छापेमारी कर फाइन किया था, लेकिन अब वो भी सुस्त हो गई है।

हॉस्पिटल के बाहर खुले में कट रहा मटन

स्पॉट: बरियातू रिम्स के सामने

टाइम: 3 बजे

राज्य का सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल के पास ही बीमारी बांटने की पूरी तैयारी है। रिम्स के पास ही खुले में चिकन और मटन काटा जाता है। इस वजह से यहां काफी मक्खियां मंडराती रहती हैं। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में बदबू भी फैलता रहता है।

करोड़ों रुपए का स्लॉटर हाउस बना शोपीस

कांके में 18 करोड़ रुपए की लागत से स्लाटर हाउस का निर्माण कराया गया था। लेकिन यह सिर्फ दिखावे का बन कर रह गया। 2012 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था। पांच एकड़ में स्लाटर हाउस का निर्माण कराया गया है। निर्माण होने के बाद भी इसे संचालित करने में नगर निगम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। शुरू होने के बाद कुछ दिन तक यहां खस्सी काटे गए, लेकिन अब वह भी बंद हो चुका है।

स्लाटर हाउस में ही मांस काटा जाए, यह अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में आदेश भी जारी किया गया था। लेकिन दुकानदारों ने आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामला फिलहाल कोर्ट में है।

- मनोज कुमार, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम