पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तेंदुलकर 2010-11 के दौरे पर दक्षिण अफ्रीका में काफी सफल रहे थे जब उन्होंने तीन टेस्ट में दो शतक जमाए थे. दक्षिण अफ्रीका के कोच डोमिंगो ने कहा कि वह उनके लिए बड़ा खिलाड़ी था और ड्रेसिंग रूम में उनकी मौजूदगी काफी मायने रखती थी. यह अच्छी बात है कि अब उनकी टीम में सचिन तेंदुलकर नहीं है. उन्होंने कहा कि वह तेज गेंदबाजी को नहीं खेल पाने की भारत की बरसों पुरानी कमजोरी का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे.

डोमिंगो ने कहा कि यह बड़ा फायदा है. हमने वनडे सीरीज की शुरुआत में भी कहा था कि हम तेज गेंदबाजों को खेलने के मामले में उनके दिमाग में संदेह डालना चाहते हैं. दक्षिण अफ्रीका में तेज गेंदबाजों को खेलने में उन्हें हमेशा दिक्कत आई है. उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजी दक्षिण अफ्रीका की ताकत है. हम इसी तरह क्रिकेट खेलना सीखे हैं. उपमहाद्वीप की टीमें स्पिन को आक्रमण का जरिया बनाती है और दक्षिण अफ्रीका तेज गेंदबाजी को क्योंकि यह हमारे डीएनए में है. उन्होंने कहा कि वह चौतरफा तेज आक्रमण अपनाएंगे. डोमिंगो ने कहा कि अपनी सरजमीं पर भारत जैसी टीम के खिलाफ चौतरफा तेज आक्रमण उतारना जरूरी है.

दक्षिण अफ्रीकी कोच ने यह भी कहा कि वह सात बल्लेबाजों की रणनीति पर ही कायम रहेंगे. उन्होंने कहा कि हमने सात बल्लेबाजों की रणनीति से कामयाबी पाई है और इसे आगे भी बरकरार रखेंगे. मैं अपने कार्यकाल में इतनी शुरुआत में ज्यादा बदलाव नहीं करना चाहता.

Hindi news from Sports news desk, inextlive