RANCHI: सिटी में कोरोना के दो मरीज मिल चुके हैं। वहीं हिंदपीढ़ी एरिया को 72 घंटे के लिए सील भी कर दिया गया है। इतना ही नहीं इलाके को सैनिटाइज करने के लिए स्पेशल ड्राइव भी चलाया जा रहा है, लेकिन ड्यूटी में तैनात सफाईकर्मियों को बिना सुरक्षा ही मैदान में उतार दिया गया है। इंफेक्शन से बचाने के लिए उन्हें मास्क और ग्लव्स भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। ऐसे में बिना सुरक्षा के ड्यूटी कर रहे सफाई स्टाफ को इंफेक्शन होता है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा? इसके बावजूद रांची नगर निगम मामले को लेकर गंभीर नहीं है।

दो करोड़ रुपए खरीदारी के लिए

रांची नगर निगम को कोरोना से लड़ाई के लिए इक्विपमेंट, ब्लीचिंग, केमिकल, मास्क और ग्लव्स खरीदने के लिए मेयर और डिप्टी मेयर ने अपने फंड से एक-एक करोड़ रुपए दिए हैं। इसके बावजूद सफाई करने वाले वॉरियर्स को बेसिक सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है। इसके अलावा कई स्टाफ तो एक ही मास्क से कई दिनों तक काम चल रहा है, जिससे उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा बना हुआ है। बताते चलें कि पिछले दिनों पार्षदों ने आवाज उठाई थी कि नगर निगम को मिले इस फंड को कहां खर्च किया जा रहा है। इसकी जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई जाए।

लिमिटेड स्टाफ, फिर भी लापरवाही

सिटी में कोरोना की दस्तक के बाद नगर निगम का पूरा फोकस सैनिटाइजेशन पर है। ऐसे में सफाई व्यवस्था तो प्रभावित हुई है। कचरा उठाने वाले से लेकर स्वीपिंग करने वाले सफाई स्टाफ अब सैनिटाइजेशन में जुटे हैं। वहीं लिमिटेड स्टाफ के आने के कारण जो आ रहे हैं उनपर लोड बढ़ा हुआ है। इतना ही नहीं इंफेक्टेड एरिया में सैनिटाइजेशन के लिए उन्ही सफाईकर्मियों को भेजा रहा है। जिससे समझा जा सकता है कि कैसे वे अपनी जान जोखिम में डालकर छिड़काव करने में जुटे हैं। इसके बावजूद नगर निगम ऐसी लापरवाही कैसे कर सकता है?