RANCHI: अगर आप भी इलाज के लिए सुपरस्पेशियलिटी सदर हॉस्पिटल जा रहे हैं, तो अलर्ट हो जाएं। हॉस्पिटल में अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो वहां से मरीजों और उनके परिजनों के लिए भागना मुश्किल हो जाएगा। हॉस्पिटल के दोनों ही इंट्रेंस गेट पर जाम लगा है। जहां पर बड़ी-बड़ी मशीनों के बीच केवल मरीजों के आने-जाने के लिए जगह है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या किसी हादसे के बाद ही प्रबंधन की नींद खुलेगी? जब इस मामले में डीएस से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

तीन महीने से गेट पर है मशीनें

हॉस्पिटल की मेन बिल्डिंग को बंद कर दिया गया है। सभी मरीज नई बिल्डिंग में ही एडमिट किए जा रहे हैं। उनका इलाज भी वहीं पर चल रहा है। हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसके बावजूद तीन महीने से बड़ी-बड़ी मशीनों को इंट्रेंस गेट पर लाकर छोड़ दिया गया है। न तो ये मशीनें इंस्टाल की जा रही हैं और न ही वहां से हटाया जा रहा है।

बढ़ रहा है बजट, सिक्योरिटी जीरो

500 बेड का सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल बना। 2011 में नई बिल्डिंग भी बनकर तैयार होने के बाद 2017 में हॉस्पिटल की शुरुआत के समय 143.47 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके थे। डिपार्टमेंट ने हॉस्पिटल को सुपस्पेशियलिटी बनाने के लिए सरकार से 164.45 करोड़ रुपए मांगे। फिर इक्विपमेंट इंस्टालेशन के लिए 19.75 करोड़ की मांग की गई। इसके बाद भी अभी तक सिक्योरिटी को लेकर हॉस्पिटल प्रबंधन गंभीर नहीं है। केवल दिखावे के लिए सिक्योरिटी एजेंसी के जवान तैनात कर दिए गए हैं।