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RANCHI : दीपावली नजदीक आ गई है और शहर में पटाखा की दुकानें सजने लगी हैं। जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर एक बार फिर रिहायशी इलाकों में दुकान लगाने को लेकर कई नियम बनाए हैं लेकिन हर बार की तरह इस बार भी नियमों को नजरअंदाज किया जा रहा है। विदित हो कि बारूद से जुड़े कारोबारियों को लेकर जिला प्रशासन हमेशा अलर्ट रहता है। जनवरी में तत्कालीन डीसी मनोज कुमार के कार्यकाल में 20 वैसे कारोबारियों को नोटिस दिया गया, जिनका अपर बाजार जैसे घनी आबादी वाले इलाके में कारोबार चल रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट तौर पर निर्देश जारी किया कि सघन और रिहायशी इलाकों में पटाखे का कारोबार न करें। तय समय सीमा के अंदर कारोबार नहीं समेटा तो उनका ट्रेड लाईसेंस रद कर दिया जाएगा।

कोई अनहोनी न हो जाए
इसके पीछे जिला प्रशासन का सीधा मकसद है किसी प्रकार की अनहोनी को टालना है। इसके मद्देनजर अब पॉश इलाकों में इस तरह के कारोबार को जिला प्रशासन बढ़ावा नहीं देगा। हालांकि इससे पूर्व भी जिला प्रशासन का इस तरह का आदेश आया था, इसके बाद भी कारोबारी वहीं जमे हैं।

तीन कारोबारियों के लाइसेंस रद
इस मामले में डीसी के आदेश पर तीन पटाखा कारोबारियों का ट्रेड लाइसेंस रद किया जा चुका है, जो अपर बाजार इलाके को कारोबार स्थल दिखा कर दूसरे स्थान पर कारोबार कर रहे थे। डीसी ने कहा कि 15 दिनों के अंदर क्रैकर्स संचालक अपनी दुकान नहीं हटाएंगे या चोरी-छिपे कारोबार करते पाए गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सूप्रीम कोर्ट भी गंभीर
सूप्रीम कोर्ट ने भी पटाखा फोड़ने के लिए रात 8 से 10 बजे तक का टाइम तय किया है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर और पटाखा कारोबारियों की मनमानी के कारण इसपर लगाम लगाया जा रहा है।

रिहायशी इलाकोंमें पटाखा कारोबार चलाने वालों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है। नियम नहीं मानने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। जहां भारी संख्या में लोग रहते हैं वैसे इलाकों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.
राय महिमापत रे, डीसी, रांची