नो स्मोकिंग जोन के तहत चालान कटाने में विफल रहा विभाग
जिला अस्पताल में भी नहीं शुरु हो सका वार्ड
Meerut. जिले को नो स्मोकिंग जोन बनाने की शासन की तमाम कवायदें धुआं हो गई हैं. एक साल बीतने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग न तो सरकारी विभागों में धूम्रपान रोक पाया है न ही जिला अस्पताल में धूम्रपान मुक्ति उन्मूलन केंद्र चालू कर पाया है. कोटपा एक्ट-2003 यानि सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम तहत स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करने वालों के खिलाफ चालान करने की योजना धरी रह गई हैं. नाममात्र के चालान कर विभाग ने इस योजना से भी पल्ला झाड़ लिया है.
क्या है कोटपा एक्ट?
वर्ष-2003 में लागू एक्ट के तहत पुलिस कमिश्नर या जिलों के कप्तान को इन्हें लागू करने का अधिकार है.
स्कूल-कॉलेज और मंदिर के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बेचने वालों पर 5 हजार रुपये तक जुर्माना.
तंबाकू उत्पादकों द्वारा एक्ट के नियमों का पालन नहीं करने पर जुर्माना और दो साल तक की सजा.
यह है स्थिति
82 जगहों पर धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के सेवन करने वालों का चालान किया जाना था.
5 जगहों पर ही चालान किया जा सका है.
77 जगहों पर एक भी चालान नहीं काटा गया है.
50 चालान एक चालान बुक से काटे जा सकते हैं.
200 रूपये प्रति चालान जुर्माना वसूला जाना है.
इन जगहों पर वसूला चालान
जिला अस्पताल - 7000 रूपये
जिला महिला अस्पताल -200 रूपये
मेडिकल कॉलेज - 400 रूपये
80 से 100 नए मरीज धूम्रपान से होने वाले कैंसर के हर महीने मेरठ में सामने आ रहे हैं
14 साल से कम उम्र में अधिकतर मरीज धूम्रपान की लत की शिकार
यहां दी गई चालान बुक
जिला अस्पताल
जिला महिला अस्पताल
मेडिकल कॉलेज
12 कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर
एसएसपी ऑफिस
सीओ सिविल लाइन कार्यालय
पेशी कार्यालय
सीएमओ ऑफिस
सेंज जोजफ गर्ल्स इंटर कॉलेज
राम सहाय इंटर कॉलेज
आरटीओ ऑफिस
24 शहरी प्राइमरी हैल्थ सेंटर
शिक्षा विभाग, जेडी ऑफिस
बेसिक शिक्षा विभाग व अन्य
नहीं शुरु हुई ओपीडी
जिला अस्पताल में सिगरेट और तंबाकू उत्पादों को छुड़वाने के लिए ओपीडी शुरु होनी थी. अपनी इच्छा से इनका सेवन छोड़ने वाले लोग यहां आकर परामर्श ले सकते थे. एक साल पहले 12 जनवरी 2018 को ही इसे बनवाने की कवायद शुरु की गई थी. वार्ड भी तैयार करा दिया गया था, लेकिन स्टॉफ न होने की वजह से इसे साल भर बाद भी चालू नहीं किया जा सका है.
कोटपा लागू करने के लिए हम लगातार जागरूकता अभियान चला रहे हैं. स्टॉफ न मिलने की वजह से वार्ड शुरु नहीं हो पाया है.
डॉ. राजकुमार, सीएमओ, मेरठ
प्रशासन फेल
कोटपा एक्ट के तहत सरकारी कार्यालयों और पब्लिक पर बीड़ी-सिगरेट बावजूद इसके जिला प्रशासन एक्ट को अमली जामा पहनाने में नाकाम है तो वहीं नोडल स्वास्थ्य विभाग भी आपेक्षित कार्रवाई नहीं कर सका है. आलम यह है कि कलक्ट्रेट, न्यायालय समेत कई सरकारी कार्यालय परिसर में ही जमकर बीड़ी-सिगरेट की बिक्री हो रही है.
कोटपा एक्ट के तहत सरकारी परिसरों में संचालित बीड़ी-सिगरेट ओर पान-मसाला की दुकानों को बंद कराया जाएगा. लोकसभा चुनाव के बाद इसपर विस्तृत कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाएगा.
महेश चंद्र शर्मा, एडीएम सिटी, मेरठ