- राज्यपाल ने वीसी और रजिस्ट्रार को किया था राजभवन तलब

- अजीज कुरैशी के एडीसी पर लगाए आरोप का देखेंगे वीडियो

- फिलहाल दोनों अधिकारियों से मांगे गए लिखित में अपने पक्ष

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार के बीच तकरार का फिलहाल कोई सॉल्यूशन नहीं निकला। दोनों को राजभवन तलब किया गया था। जहां इन दोनों से राज्यपाल ने लिखित में अपना-अपना पक्ष रखते हुए जवाब मांगा है। इसके साथ ही दोनों को पद की गरिमा के मद्देनजर सभ्यता से पेश आने के निर्देश दिए है। जिससे यूनिवर्सिटी की गरिमा को कोई ठेस ना पहुंचे। वहीं पूरे दिन वीसी और रजिस्ट्रार को लेकर संशय का माहौल बना रहा। यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार और वीसी के बारे में ही बातचीत होती रही।

विवाद का सीन

यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार मनोज कुमार और वाइस चांसलर वीसी गोयल के बीच अक्टूबर में हुई ईसी की मीटिंग के बाद से तकरार चल रही है। जिसके चलते रजिस्ट्रार मनोज कुमार को उनके कार्य से मुक्त करने के साथ ही रिलीव भी कर दिया गया था। लेकिन वे अपनी कुर्सी छोड़कर नहीं गए। मामले मे शासन ने भी रजिस्ट्रार मनोज कुमार के पक्ष में निर्णय लिया था। मगर वीसी ने रजिस्ट्रार को कार्य सौंपने से इंकार कर दिया था। इसके बाद मामला राजभवन में पहुंच गया। जिसके निपटारे के लिए शुक्रवार को राज्यपाल ने दोनों को अपने यहां तलब किया था।

राजभवन का सीन

राजभवन पहुंचे कुलपति व रजिस्ट्रार के विवाद को लेकर राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि उन्हें इस विवाद की जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से मिली है। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय में कुलपति और रजिस्ट्रार के पद सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और इनके बीच किसी विवाद के इस तरह सार्वजनिक होने से विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचता है। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने कुलपति वीसी गोयल और रजिस्ट्रार मनोज सिंह से अलग-अलग बात की। दोनों को सार्वजनिक तौर पर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने और पद की गरिमा के अनुकूल आचरण न करने के लिए फटकार भी लगाई।

लिखित में मांगा गया पक्ष

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने दोनों की बातें सुनीं और दोनों से कहा कि वे विवाद के संबंध में लिखित रूप से अपना पक्ष उनके समक्ष रखेंगे। कुलपति व रजिस्ट्रार विवाद के हल के बारे में पूछे जाने पर राज्यपाल ने कहा कि दोनों का लिखित पक्ष आने के बाद देखेंगे कि इस मामले को कैसे हल किया जाना है। कुलपति द्वारा मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान पूर्ववर्ती राज्यपाल (कार्यवाहक) डा.अजीज कुरैशी के परिसहाय (एडीसी) पर लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राम नाईक ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है और वह इस कार्यक्रम का वीडियो टेप देख कर ही इस बारे में कुछ कह सकते हैं।

संशय अब भी बरकरार

हालांकि गुरुवार को लखनऊ राजभवन जाने से पहले कुलपति वीसी गोयल ने लिखित रूप से अपनी सफाई दे दी थी कि उन्होंने दीक्षांत के बाद धन्यवाद समारोह में केवल रजिस्ट्रार मनोज ंिसंह पर गोपनीय सूचनाएं लीक करने का जिक्र किया था, पूर्ववर्ती राज्यपाल के एडीसी पर कोई आरोप नहीं लगाया था। एक तरफ मामला राजभवन में चल रहा था और यूनिवर्सिटी में इनको लेकर संशय तेज हो रहा था। दो रजिस्ट्रार के बीच में फंसी यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को दिन भर प्रशासनिक अधिकारियों और शिक्षकों में संशय बरकरार रहा। साथ ही कौन रहेगा और कौन जाएगा इस पर चर्चा होती रही।

वर्जन

मैं राजभवन को पहले ही फैक्स और लिखकर भेज चुका हूं। उन्होंने मनोज कुमार से भी कुछ लिखकर मांगा है। इसके बाद ही कुछ निर्णय होगा। लेकिन मैं रजिस्ट्रार को नहीं रखूंगा। अगर वे रहेंगे तो भी उनसे काम नहीं करवाऊंगा। मैने राज्यपाल के सामने अपना पक्ष रख दिया है।

- वीसी गोयल, वाइस चांसलर, सीसीएसयू मेरठ

रजिस्ट्रार और वीसी के मामले में जांच अभी लंबी चलेगी। जिसमें दोनों से लिखित में पक्ष मांगा गया है। वीसी का पक्ष आ गया है और रजिस्ट्रार का आना अभी बाकी है। बाकी निर्णय शासन और राजभवन के हाथ है।

- भूपेंद्र सिंह, कमिश्नर मेरठ