-सेंट्रल लैब के लिए नहीं मिल पा रही है स्थाई जगह

-बाधित हो रहा है टेस्ट, मरीजों को हो रही परेशानी

RANCHI : राज्य के सबसे बड़े हास्पिटल में पीपीपी मोड पर मेडाल को पैथोलॉजी लैब खोलने की जगह दे दी गई है, लेकिन रिम्स के सेंट्रल लैब को अपने लिए ही जगह नहीं मिल पा रही है। पिछले कुछ महीनों से सेंट्रल लैब की स्थाई व्यवस्था नहीं होने के कारण एक ओर जहां टेस्ट बाधित हो रहा है वहीं दूसरी ओर इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। जिससे रिम्स प्रबंधन को कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर रिम्स प्रबंधन अपने सेंट्रल लैब के लिए ही जगह क्यों नहीं दे पा रहा है।

मेडाल को दे दिया बड़ा एरिया

रिम्स कैंपस में पीपीपी मोड पर चलाने के लिए सरकार ने मेडाल से हाथ मिलाया है। जिसके तहत मेडाल रिम्स में मरीजों का पैथोलॉजी टेस्ट करेगी। इसके लिए मेडाल को रिम्स में एक बड़ा एरिया भी मुहैया करा दिया गया है। जिसमें कंपनी ने अपना अलग कलेक्शन सेंटर और लैब बना लिया है। वहीं रिम्स का अपना सेंट्रल लैब एक स्थाई जगह के लिए मोहताज है। सेंट्रल लैब की स्थाई व्यवस्था नहीं होने से लगातार टेस्ट भी बाधित हो रहा है। जिसका नुकसान मरीजों को हो रहा है। टेस्ट नहीं होने की स्थिति में मरीजों को प्राइवेट लैब्स में टेस्ट कराना पड़ रहा है।

सेंट्रल लैब को नहीं मिल रही स्थाई जगह

स्थाई व्यवस्था नहीं होने और जगह की कमी के कारण सेंट्रल लैब में कलेक्ट किया जा रहा सैंपल रखने की जगह भी नहीं है। और इसी वजह से कई मरीजों को ऐसे ही लौटा दिया जा रहा है। रिम्स के सेंट्रल लैब को कुछ महीने पूर्व मेडाल के लिए बनाए गए कलेक्शन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया था। वहीं मंगलवार को एक बार फिर लैब को वहां से हटाकर हेड मेठ के आफिस में शिफ्ट कर दिया गया। जगह नहीं होने के कारण लैब में कोई भी काम ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है। टेक्निशियंस को भी हास्पिटल में ऐसी व्यवस्था से काम करने में काफी परेशानी हो रही है।