- टीचर्स डिफिसिएंसी रिपोर्ट के चलते कम की सीटें

- रिपोर्ट में 20 हजार शिक्षकों को बताया गया फर्जी

LUCKNOW: एकेटीयू ने प्रदेश के संबद्ध 347 इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों में फर्जी शिक्षकों का खुलासा होने के बाद बड़ी कार्रवाई की है। यूनिवर्सिटी ने डिफिशिएंसी रिपोर्ट आने के बाद सभी कॉलेजों की 22,648 हजार सीटें कम कर दीं। पिछले दिनों इन संस्थानों में करीब 20 हजार फर्जी शिक्षक होने के खुलासे के बाद संबद्धता समिति एवं शासन ने बुधवार को एक्शन लिया। यूनिवर्सिटी के उप कुलसचिव एके शुक्ला ने बताया कि संस्थानों को एक अगस्त तक शिक्षकों की कमी को पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

नए कॉलेजों को मिली मान्यता

यूनिवर्सिटी ने ब्रांचों का रेशनलाइजेशन किया है। जिससे कई ब्रांचों का समायोजन हुआ है। एके शुक्ला ने बताया कि इस बार प्रदेश में चार नए संस्थान खुल रहे हैं। इसमें बिजनौर में फार्मेसी के दो संस्थान, कानपुर देहात और बरेली में एक-एक मैनेजमेंट कॉलेज शामिल हैं। एक संस्थान के स्थान में परिवर्तन किय गया है और एक संस्थान के स्थान में परिवर्तन का आदेश पारित कर दिया है।

18 संस्थाएं होंगी बंद

यूनिवर्सिटी ने 18 संस्थानों के प्रोग्रेसिव क्लोजर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन संस्थानों के स्टूडेंट्स दूसरे कॉलेजों में स्थानांतरित किए जाएंगे। दो महिला संस्थानों को सह-शिक्षा संस्थानों में परिवर्तित कर दिया गया है। इस साल एकेटीयू के 37 कॉलेजों ने मान्यता वापसी के लिए आवेदन किया था। नोएडा में स्थित एक संस्थान की सीटें बढ़ाई गई हैं।

पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारने के लिए ऐसा किया गया है। संस्थानों में डिफिशिएंसी का पता लगाकर कार्रवाई की गई। इससे कॉलेजों का स्तर काफी सुधरेगा।

- प्रो। विनय कुमार पाठक, वीसी, एकेटीयू