क्त्रन्हृष्ट॥द्ब: मुख्य सचिव ने गुरुवार को एक अहम फैसला लेते हुए राज्य सरकार के कार्यक्रमों और राजकीय समारोह के प्रोटोकॉल में धन्यवाद ज्ञापन और पुष्प गुच्छ की परिपाटी को समाप्त करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि राजकीय समारोह में गणमान्य अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और प्रतीक चिन्ह आदि से करने की परंपरा खत्म करते हुए उनका स्वागत सीधे स्वागत संबोधन से किया जाए। किसी कार्यक्रम में यदि पुष्प गुच्छ देना अत्यंत आवश्यक महसूस हो रहा हो तो इसके स्थान पर एक अकेला पुष्प दिया जा सकता है। किंतु यह भी अपवाद स्वरूप होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि किसी कार्यक्रम में गणमान्य अतिथियों का पुष्प गुच्छ/उपहार से स्वागत किया जाना अत्यंत अपेक्षित हो तो ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार से पहले अप्रूवल लेना होगा.मुख्य सचिव ने कहा कि सामान्यत: स्वागत संबोधन के दौरान आमंत्रित और मंचासीन गणमान्य अतिथियों का परिचय प्रस्तुत करते हुए उनका स्वागत उद्घोषक या स्वागत भाषण देने वाले के संबोधन के माध्यम से होगा।

मिनट टू मिनट कार्यक्रम

मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि ऐसे राजकीय कार्यक्रम, जिसमें भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं झारखंड राज्य के माननीय राज्यपाल मुख्य अतिथि अथवा गणमान्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होते हैं, वैसे कार्यक्रमों का संचालन संबंधित कार्यालय द्वारा अप्रूवल होने वाले मिनट टू मिनट कार्यक्रम के आधार पर ही किया जाए। मुख्य सचिव ने राज्य के सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव सभी प्रधान सचिव सभी सचिव, सभी प्रमंडलीय आयुक्त सभी विभागाध्यक्ष और सभी उपायुक्त को इससे अवगत कराते हुए इन निर्देशों का दृढ़ता पूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

धन्यवाद ज्ञापन भी हुआ इतिहास

कार्यक्त्रम की समाप्ति पर धन्यवाद ज्ञापन किए जाने की परंपरा का भी परित्याग कर मंच संचालक उद्घोषक द्वारा आवश्यकता अनुसार कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की जा सकती है। अब से धन्यवाद ज्ञापन राज्य के किसी भी कार्यक्रम और राजकीय समारोह का भाग नहीं होगा। मुख्य सचिव ने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों तथा योजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास परिसंपत्तियों के वितरण इत्यादि से संबंधित राजकीय कार्यक्रम एवं विभिन्न राज्य के समारोहों के आयोजन के संचालन में अक्सर समय सीमा के भीतर कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से करने में अत्यंत कठिनाई होती है, इन सबको ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से संपन्न करने के लिए ये निर्णय लिए गए हैं।