नई दिल्ली/लंदन (एएनआई)। यूरोपीय संसद में भारत के नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) को लेकर मतदान कराने का फैसला किया गया था। अब सरकारी सूत्रों ने बताया है कि गुरुवार को सीएए पर यूरोपीय संसद में कोई मतदान नहीं होगा। इसी तरह, इस मामले में भारत की कूटनीतिक जीत हुई है। संसद में मतदान गुरुवार को पांच पेज के प्रस्ताव पर निर्धारित किया गया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि सीएए न केवल 'भेदभावपूर्ण' और 'खतरनाक रूप से विभाजनकारी है, बल्कि 'नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय करार के तहत भारत के अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन' भी करता है।

भारत के लोग पाकिस्तान पर हावी

सरकारी सूत्र ने बुधवार को कहा, 'कल सीएए पर यूरोपीय संघ के प्रस्ताव पर कोई मतदान नहीं होगा। भारत के मित्र आज यूरोपीय संसद में पाकिस्तान के मित्रों पर हावी हैं।' बताया जा रहा है कि पाकिस्तान मूल के यूरोपीय संसद (एमईपी) के सदस्य शफाक मोहम्मद ने कथित तौर पर सीएए के खिलाफ मसौदा प्रस्ताव पेश किया था। सूत्रों ने कहा कि मोहम्मद के प्रस्ताव को पारित करने के प्रयास 'पराजित' हो गए हैं। सूत्र ने कहा, 'सीएए भारत के लिए एक आंतरिक मामला है और लोकतांत्रिक साधनों के जरिए एक उचित प्रक्रिया के माध्यम से अपनाया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस मामले में हमारे दृष्टिकोण को सभी उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष सोच रखने वाले एमईपी द्वारा समझा जाएगा।'

मार्च तक टला मतदान

वहीं, यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष और विदेशी मामलों व सुरक्षा नीति के लिए यूनियन की उच्च प्रतिनिधि हेलेना दल्ली ने अपने बयान में कहा कि भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ यूरोपीय संसद के सदस्यों द्वारा पेश किए गए पांच अलग-अलग प्रस्तावों पर गुरुवार को होने वाली बहस और वोटिंग को मार्च तक टाल दी गई है। बता दें कि सीएए को लेकर भारत भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है और इसी को ध्यान में रखते हुए यूरोपीय संसद में इसके खिलाफ मतदान कराने का फैसला किया गया था।

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