गोरखपुर यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में यदि किसी प्रत्याशी ने जुलूस या रैली निकाली या फिर पोस्टर-बैनर लगाया तो उसका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा। चुनाव को लेकर यूनिवर्सिटी और जिला प्रशासन ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है।

दोषियों की सौंपी जाएगी लिस्ट

सीओ कैंट अभय मिश्रा ने बताया कि वीडियो रिकार्डिंग में दोषी पाए गए प्रत्याशियों की सूची मंगलवार को चुनाव अधिकारी को सौंप दी जाएगी। वीसी ने बताया कि किसी भी प्रत्याशी को एक बार जुलूस निकालने की अनुमति होगी, वह भी यूनिवर्सिटी परिसर में। यह जुलूस चुनाव अधिकारी या चीफ प्रॉक्टर की अनुमति के बाद तय समय पर ही निकाला जा सकेगा। यदि किसी बाहरी व्यक्ति को जुलूस में पाया गया तो प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई होगी। जुलूस में शामिल होने वाले हर स्टूडेंट के पास परिचय पत्र या प्रवेश की फीस रसीद जरूरी होना जरूरी है। फीस रसीद वाले स्टूडेंट्स को फोटो आईडी भी दिखानी होगी।

पीएसी कर रही कैंप

चुनाव के मद्देनजर यूनिवर्सिटी के पास पीएसी कैंप कर रही है। सीओ ने बताया कि यूनिवर्सिटी मेन गेट, प्राचीन इतिहास गेट और छात्रावास परिसर को संवेदनशील स्थल माना गया है, जहां पुलिस पिकेट लगाई गई है। हॉस्टल परिसर में पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन की एक टीम रात 10 बजे से दो बजे तक गश्त करेगी, जिससे वहां आने वाले अराजक तत्वों पर नजर रखी जा सके। वीसी ने बताया कि मंगलवार से यूनिवर्सिटी परिसर में केवल मेन गेट से ही प्रवेश हो सकेगा। बाकी सभी गेट चुनाव तक के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बताया कि जीतने के बाद भी यदि कोई पदाधिकारी आचार संहिता के उल्लंघन करते पाया जाता है तो उसे पदच्युत करने की कार्रवाई होगी।

ग‌र्ल्स भी यूनिवर्सिटी परिसर में ही देंगी वोट

यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स की वोटि्रंग की व्यवस्था यूनिवर्सिटी परिसर में ही की जा रही है। अब तक ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स महिला हॉस्टल में वोट करती थी। चुनाव अधिकारी प्रो। संजय बैजल ने बताया कि परिसर में छात्रों के लिए 16 और छात्राओं के लिए 14 बूथ बनाए जाएंगे। छात्राओं के वोटिंग बूथ का रास्ता यूनिवर्सिटी गेट से अलग रहेगा। छात्राओं के बूथ पर छात्र नहीं जा सकेंगे। वहां जाने की अनुमति सिर्फ प्रत्याशी या उसके एजेंट को ही होगी।

सप्ताह भर में देना हो खर्च का हिसाब

प्रत्याशियों को चुनाव के दौरान हुए खर्च का हिसाब चुनाव के बाद एक सप्ताह के भीतर देना होगा। वीसी ने बताया कि लिंगदोह समिति के मुताबिक एक प्रत्याशी 5000 से अधिक की धनराशि नहीं खर्च कर सकता। हर प्रत्याशी को 28 सितंबर तक खर्च का ब्यौरा देना होगा, जिसकी चुनाव सेल जांच करेगी। जांच में गलत जानकारी पाए जाने पर पदच्युत कर दिया जाएगा।

कुल बिके 124 पर्चे

नामांकन पत्र खरीदने की दो दिन की अवधि में कुल 124 पर्चे संभावित प्रत्याशियों द्वारा खरीदे गए हैं। अध्यक्ष के लिए 24, उपाध्यक्ष के लिए 11, महामंत्री के लिए 22 और पुस्तकालय मंत्री के लिए 14 पचरें की बिक्री हुई है। प्रतिनिधि के पद के लिएलॉ संकाय के 16, विज्ञान संकाय के 11, वाणिज्य संकाय के 10, विधि संकाय के लिए आठ, शिक्षा संकाय के लिए दो और छात्रावास के लिए छह पचर्ें संभावित प्रत्याशियों ने खरीदे हैं।