मुंबई (पीटीआई)। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली का कहना है कि, आईसीसी ने अपने नवीनतम दिशानिर्देशों में जो बदलाव किया है उसे लागू करने में दिक्कत आएगी। अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने महामारी के मद्देनजर अपनी बैठक में लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। शुक्रवार को जारी अपने दिशानिर्देशों में, आईसीसी ने कहा कि गेंद को चमकाने के लिए लार नहीं लगाया जाना चाहिए।

जिंदगी भर की आदत नहीं बदलेगी

स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' में ली ने कहा, "जब आपने 8,9,10 साल की उम्र में अपनी पूरी जिंदगी कुछ ऐसा किया हो, जिसमें आप अपनी उंगलियों को चाटते हैं और फिर उसे गेंद पर रगड़ते हैं, अचानक यह करने से मना कर दिया जाए तो यह बहुत मुश्किल होगा।' पूर्व ऑस्ट्रेलियाई पेसर ब्रेट ली, जिन्होंने 76 टेस्ट और 221 वनडे खेले, उन्होंने इस संबंध में विश्व क्रिकेट निकाय से कुछ हद तक उम्मीद की है। उनका कहना है कि, आईसीसी इस नियम को एकदम से लागू नहीं कर सकता क्योंकि शुरुआत में काफी दिक्क्तें आएंगी। हालांकि ली ने कहा, यह एक शानदार पहल है, मुझे लगता है कि इसे लागू करने के लिए बहुत मुश्किल होने वाला है।'

फील्डरों को भी थूक लगाने की आदत

यहां तक ​​कि दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर फाफ डु प्लेसिस ने भी ली के साथ सहमति जताते हुए कहा कि यही बात फील्डरों पर भी लागू होती है। अपने स्वयं के उदाहरण देते हुए, डु प्लेसिस ने कहा कि उन्हें स्लिप में गेंद को पकड़ने से पहले अपनी उंगलियों पर थोड़ा सा थूक लेने की आदत है। "क्षेत्ररक्षकों के लिए, यह वैसा ही है। जैसा कि ब्रेट (ली) का उल्लेख है, मैं गेंद को पकड़ने से पहले अपनी उंगलियों पर थोड़ा थूक लेने का आदी हूं। यदि आप रिकी पोंटिंग की तरह किसी को देखते हैं, तो वह हर टाइम अपने हाथों में थूक लगाते रहता है।' हाल ही में, भारत के ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने जोर देकर कहा था कि गेंद पर लार लगाना एक आदत थी और इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ अभ्यास करना होगा।

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