सिओल (रॉयटर्स)। उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन ने अगस्त में एक पत्र भेजकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्योंगयांग आने का न्योता दिया था। दक्षिण कोरिया के एक अखबार 'जोयोंग इल्बो' ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में राजनयिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि किम जोंग ने उस पत्र में ट्रंप से परमाणु को लेकर वार्ता आगे बढ़ाने की बात भी कही थी। 'जोयोंग इल्बो' ने बताया कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में भेजे गए पत्र में किम ने ट्रंप के साथ तीसरे शिखर सम्मेलन के लिए अपनी इच्छा जाहिर की और उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग की यात्रा के लिए ट्रंप को निमंत्रण दिया। हालांकि, अखबार ने अपनी इस रिपोर्ट में यह जानकारी देने वाले व्यक्ति का नाम नहीं बताया है।

इस रिपोर्ट पर अमेरिका और उत्तर कोरिया ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

9 अगस्त को ट्रंप ने बताया था कि उन्हें किम की तरफ से एक अच्छा पत्र मिला है लेकिन अगस्त के तीसरे सप्ताह में किम द्वारा भेजे गए दूसरे पत्र के बारे में अमेरिकी अधिकारियों ने कोई भी जानकारी नहीं दी थी। व्हाइट हाउस, अमेरिकी विदेश विभाग और उत्तर कोरिया ने फिलहाल इस रिपोर्ट पर अपनी कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले सोमवार को बताया था कि अमेरिका के बड़े अधिकारियों के साथ इस सप्ताह के अंत में एक बैठक हो सकती है। वहीं, उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री चो सोन-हुई ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि उनका देश इस महीने के अंत में परमाणु को लेकर वार्ता फिर से शुरू करने के लिए तैयार है लेकिन अमेरिका को नए प्रस्ताव के साथ वार्ता का पहल करना होगा। 

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ट्रंप और किम तीन बार कर चुके हैं बैठक

बता दें कि ट्रंप और किंग जोंग अब तक तीन बार बैठक कर चुके हैं। जून, 2018 में ट्रंप और किम ने सिंगापुर में अपना पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया था, जहां दोनों ने कोरियाई प्रायद्वीप पर परमाणु नष्ट करने पर सहमति जताई थी। इसके बाद दूसरा शिखर सम्मेलन फरवरी, 2019 में हनोई में आयोजित किया गया लेकिन बैठक विफल रही क्योंकि दोनों नेता अपनी परेशानियों का हल ढूंढ़ने में असमर्थ रहे। दरअसल, अमेरिका चाहता था कि उत्तर कोरिया तत्काल प्रभाव पर अपने परमाणु हथियारों नष्ट करे लेकिन किम जोंग ने इसके बदले में ट्रंप के सामने प्योंयांग में लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को तुरंत हटाने की शर्त रख दी थी। यही कारण रहा कि दोनों नेताओं के बीच किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद ट्रंप जुलाई में दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए थे, इस दौरान भी सीमा पार करके उन्होंने किम जोंग से मुलाकात की।

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