- एक भी प्रवासी आया नहीं और 20 लोगों का आवासन दिखाकर किया गया डिस्चार्ज

- क्वारंटीन हाईस्कूल धोबघट के पिंसिपल ने पत्र लिख सीओ से की शिकायत

JAMUI: कोरोना से जंग में कुछ लोग मानव सेवा में लगे हैं तो कुछ भ्रष्ट अफसर लूट-खसोट में लगे हैं। जमुई के गिद्धौर के कोल्हुआ पंचायत के हाईस्कूल धोबघट में कुछ ऐसी ही घटना हुई। क्वारंटीन सेंटर में एक भी प्रवासी नहीं हैँ जबकि 20 का क्वारंटीन अवधि पूर्ण दिखाकर डिस्चार्ज दिखाते हुए उनके भोजन, रहने, विदाई और अन्य सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपए के घोटाला की कोशिश की गई है।

क्या है पूरा मामला

क्वारंटीन सेंटर बने हाईस्कूल धोबघट के पि्रंसिपल कामता प्रसाद ने फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए सीओ को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है। प्रिंसिपल ने पत्र में लिखा है- बीडीओ के पत्रांक 258, दिनांक 20 मई 2020 के अनुसार हाईस्कूल धोबघट में क्वारंटीन सेंटर बनाया गया। स्कूल के पत्रांक 19, दिनांक 22 मई द्वारा बीडीओ को वाट्सएप के माध्यम से धोबघट सेंटर पर प्रवासियों के आवासन के लिए आवश्यक सामग्री व राशि की मांग की गई लेकिन राशि नहीं दी गई। इस केंद्र पर एक भी प्रवासी नहीं आया। बावजूद प्रखंड क्वारंटीन सेंटर से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन में हाईस्कूल धोबघट सेंटर के नाम पर 20 प्रवासी को रजिस्टर्ड दिखाया गया। प्रतिवेदन में 28 मई को सभी रजिस्टर्ड प्रवासी अवधि पूर्ण कर कैंप से घर जाने की रिपोर्ट भी दी गई है।

सीओ बोले, कोई मामला नहीं

सीओ अखिलेश कुमार सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से परहेज किया और इतना कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है। बता दें कि प्रखंडों में बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों के प्रभारी अधिकारी के तौर पर सीओ ही नामित होते हैं। कोई भी खर्च का जिम्मा उन्हीं का होता है। ऐसे में प्रिंसिपल द्वारा सीओ को पत्र दिया जाना भी समझ से परे है।

यह आपदाकाल है। हम मानवता की मदद के उद्देश्य से अपना सर्वोच्च देने में लगे हैं। ऐसे वक्त में कोई गोलमाल करने की सोचता भी है तो यह अक्षम्य है। इस मामले की जांच का जिम्मा आपदा प्रभारी को दिया गया है। जल्द ही रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जो दोषी पाया जाएगा उसपर कड़ी कार्रवाई जाएगी।

-धर्मेद्र कुमार, डीएम, जमुई