- चार ब्लॉक में स्कूलों ने 50-50 लाख से अधिक का बजट अभी तक नहीं किया यूज

- 31 दिसंबर तक पूरा बजट यूज कर शासन को भेजना होगी रिपोर्ट

- बजट लैप्स होने पर संबंधित स्कूलों के शिक्षकों पर होगी कार्रवाई

LUCKNOW: राजधानी सहित प्रदेशभर के कई प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में रंगाई-पुताई, साफ -सफाई से लेकर अन्य जरूरी सामान अब तक नहीं खरीदा गया है जबकि विभाग ने काफी समय पहले बजट स्कूलों को भेज दिया था। वहीं सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय में आए फीड बैक के बाद निदेशक ने सभी बीएसए को कंपोजिट स्कूल ग्रांट के पैसे से 31 दिसंबर तक सामग्री खरीदने के साथ ही अन्य कार्य कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी में निरीक्षण के दौरान इसकी जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित प्रधानाध्यापक एवं अधिकारी दंडित किए जाएंगे।

20 सितंबर में जारी किया गया था ग्रांट

20 सितंबर 2018 को सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशालय ने सभी स्कूलों को कंपोजिट स्कूल ग्रांट भेजी थी। इसमें छात्र संख्या के आधार पर यह बजट दिया गया था, जिसमें स्कूलों की पेंटिंग, छोटी मरम्मत, फ‌र्स्ट ऐड बॉक्स, ब्लैक बोर्ड मरम्मत, खिड़की चौखट सहित कई कार्य कराए जाने थे। राज्य परियोजना निदेशक वेद पति मिश्र की ओर से जारी पत्र के मुताबिक पैसा भेजे जाने के बाद भी स्कूलों में साफ -सफाई, स्कूल भवन का रख-रखाव, स्कूल संचालन के लिए जरूरी सामग्री का अभाव है।

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2013 से 2018 के बीच का बजट अभी तक नहीं किया यूज

वहीं दूसरी ओर राजधानी के चार विकास खंड सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2013 से 2018 तक भेजी गई रकम की जानकारी तक नहीं दे पा रहे हैं। विकासखंड ने 2013 से 2018 तक सर्व शिक्षा अभियान बीआरसी, एनपीआरसी और एसएमसी के खातों मे भेजी गई रकम का आधा हिसाब ही निदेशालय को भेजा गया है। इस पर परियोजना निदेशक ने बीएसए के माध्यम से ब्यौरा मंगवाया था। बीएसए ने जुलाई से नवंबर तक कई पत्र भेजे। इसके बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी ब्यौरा देने से बचते रहे। सूत्रों के अनुसार बची रकम का मनमाना उपयोग किया जा रहा था। पूरे मामले की जांच में माल, मलिहाबाद, सरोजनीनगर और गोसाईगंज ब्लॉक से खाते में बची रकम का ब्यौरा दे दिया गया है। चारों ब्लॉकों के खातों को मिलाकर करीब एक करोड़ रुपए हैं। जिन पैसों का उपयोग अभी तक नहीं किया गया है।

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राज्य परियोजना निदेशालय ने कंपोजिट स्कूल ग्रांट की जानकारी मांगी है। सभी स्कूलों को 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरी रिपोर्ट बनाकर देने को कहा गया है।

डॉ। अमर कांत सिंह, बीएसए