प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत एक भी मरीज नहीं पहुंचा इलाज करवाने

जिन्हें मिला है गोल्डन कार्ड, उन्हें नहीं है कार्ड के बारे में जानकारी

Meerut। विश्व की सबसे बड़ी प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मेरठ में तकरीबन दो लाख लोगों में से एक भी व्यक्ति बीमारी नहीं है। ऐसा हम नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कह रहे हैं। देशभर में रविवार को इस योजना का शुभारंभ हुए तीन दिन हो गए हैं लेकिन इसके तहत रजिस्टर्ड अस्पतालों में एक भी मरीज अपना इलाज करवाने नहीं पहुंचा है।

यह है स्थिति

मेरठ में इस योजना के तहत 19 अस्पतालों को रजिस्टर्ड कर लिया गया है, जबकि कुछ अस्पताल योजना में सम्मिलित होने की कवायद में शामिल हैं। करीब 18 अस्पतालों की सूची विभाग ने जारी कर दी है, जिनमें छह सरकारी और बाकी प्राइवेट अस्पताल हैं। योजना के शुरू होने के बाद से एक भी लाभार्थी को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और खानापूर्ति इसकी सबसे बड़ी वजह हैं। स्थिति यह है कि छह केंद्रों में से अभी तक सिर्फ एक ही केंद्र पर सेटअप तैयार किया गया है। जिला अस्पताल में बने प्रधानमंत्री आरोग्य जन योजना के लिए अभी तक करीब 15 लोगों ने ही पूछताछ की है जबकि विभाग की ओर से किसी भी लाभार्थी को गोल्डन कार्ड तक मुहैया नहीं करवाया नहीं गया है।

जागरूकता की कमी

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभ के लिए तकरीबन दो लाख लोगों को चिंहित किया गया है। सभी लाभार्थी बीपीएल कार्ड के अंर्तगत आते हैं। वहीं प्रचार-प्रसार के अभाव में लाभार्थियों को इस योजना की जानकारी तक नहीं हैं। इस बारे में लाभार्थी लक्ष्मण ने बताया कि उन्हें यह कहकर कार्ड दिया गया था कि इससे उन्हें पांच लाख का बीमा मिलेगा। जबकि यादगारपुर निवासी भोरन ने बताया कि उन्हें जो गोल्डन कार्ड मिला है, उसके बारे में उन्हें कुछ जानकारी नहीं हैं।

नहीं चल रहे सर्वर

केंद्र पर सर्वर डाउन होने और टोल फ्री नंबर 14555 पर कॉल न लगने की वजह से भी काफी समस्या आ रही है। योजना की जानकारी के लिए सरकार की ओर से शुरू की गई वेबसाइट लगातार क्रेश हो रही है। वहीं अभी तक जिला अस्पताल की इमरजेंसी में बने एकमात्र केंद्र में भी लिंक न मिलने की वजह से सर्वर डाउन चल रहा है। साथ ही यहां पंजीकरण के लिए भी काफी कम संख्या में लाभार्थी आ रहे हैं।

यह है स्थिति

19 प्राइवेट अस्पताल इस योजना में शामिल हुए हैं।

महिला चिकित्सालय, मेडिकल कॉलेज, सीएचसी दौराला, मवाना और सरधना में आरोग्य केंद्र का सेटअप अभी तक भी नहीं लगवाया गया है।

सिर्फ जिला अस्पताल में ही आरोग्य केंद्र तैयार किया जा सका है।

2011 की जनगणना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 89000 जबकि शहरी इलाकों में करीब 121000 लाभार्थियों को चिंहित किया है।

स्वास्थ्य विभाग ने नए सर्वे में ग्रामीण इलाकों में करीब 12000 जबकि शहरी इलाकों में तकरीबन 38000 और लोगों को इस योजना के लाभ के लिए चिंहित किया है।

आयुष्मान योजना के तहत अभी तक एक भी लाभार्थी ने लाभ नहीं लिया है। हम लगातार टीम के जरिए इस योजना के लिए जागरूकता फैला रहे हैं।

डॉ। पूजा शर्मा, एमसीएमओ, मेरठ