-शहर में जलनिकासी के मामले में हो रही है लापरवाही

PATNA: पटना में जलजमाव एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है लगातार हो रही बारिश और संप हाउस के खराब होने के कारण शहर को जल संकट को झेलना पड़ा। लेकिन सिर्फ शहर के संप हाउस ही ठप नहीं है बल्कि शहर के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में सिर्फ 4 एसटीपी है जो कि नाम के रह गए है।

बता दें कि संप हाउस जहां जलनिकासी करता है वहीं एसटीपी का काम होता है उस पानी को स्वच्छ बना कर गंगा में प्रवाहित करना। शहर की जनसंख्या और क्षमता के अनुसार दो अन्य एसटीपी का भी निर्माण चल रहा है लेकिन इस जलजमाव में ये एसटीपी पुरी तरह से ठप हो गए। इसका नतीजा ये है कि संप हाउस से निकलने वाला पानी एसटीपी से साफ ना होकर सीधे गंगा में जा रहा है।

2018 में बुडको को हैंडओवर

बता दें कि 1 दिसंबर 2018 को सभी एसटीपी को बुडको को हैंडओवर कर दिया गया था। एसटीपी की देखरेख और मेनटेनेंस का जिम्मा बुडको के पास ही है। इसके साथ ही नये एसटीपी का निर्माण भी बुडको के जिम्मे ही है। जिसके तहत बेउर करमलीचक एसटीपी सहित बिहार के कई जिलों में एसटीपी का निर्माण करवाया जा रहा है।

क्या है हाल

सैदपुर एसटीपी

सैदपुर एसटीपी पुरी तरह से ठप हो चुका है। इसके महीन खराब है और मेनटेनेंस के आभाव में बंद हो चुके है।

बेउर एसटीपी बेउर एसटीपी काफी धीमे गति में चलते है जिसका इस्तेमाल नाम मात्र ही हो रहा है। शहर के जलजमाव के इलाके के पानी को स्वच्छ रखने में ये हांफ जा रहा है।

पहाड़ी

पहाड़ी स्थित एसटीपी भी पूरी तरह से बंद है। मशीन की मरम्मत नहीं होने से ये ठप हो चुका है।

करमलीचक करमलीचक स्थित एसटीपी का हाल भी बेहाल है। गंदगी और कचरे से वह संप हाउस बन गया है। यहां पानी साफ होने के बजाय गंदा ही हो रहा है।

निगम को ये सूचना मिली है। ये पूरी तरह से नियमों के विरूद्ध है। ऐसा पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।

-सीता साहू, मेयर पटना