मेयर और नगर आयुक्त की भी नहीं सुन रहे गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारी

सीवर लाइन बिछाने के दौरान आ रही गड़बड़ी को लेकर हो रहा विवाद

सीवर लाइन के लिए जगह-जगह हो रही खोदाई और कार्य की वजह से आपके मोहल्ले की पाइप लाइन टूटती है, सीवर लाइन चोक होता है। नाला-नाली डिस्टर्ब होती है तो फिर एक-दो सप्ताह तक समस्या झेलने के लिए तैयार रहें। पीने के पानी का कहीं और से जुगाड़ कर लें। गंदगी से होकर गुजरते रहें। क्योंकि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के साथ ही एलएनटी के अधिकारी किसी की सुनने वाले नहीं हैं। इससे न सिर्फ पब्लिक बल्कि नगर निगम के अधिकारी और खुद मेयर भी परेशान हैं।

आए दिन पहुंच रही हैं शिकायतें

सीवर लाइन बिछाने के लिए जगह-जगह हो रही खोदाई शहरवासियों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। खोदाई के दौरान कहीं पाइप लाइन टूट रही है तो कहीं नाला-नाली तो कहीं पुराना सीवर लाइन ही चोक हो रही है। नगर निगम के साथ ही जलकल विभाग में भी आए दिन कहीं न कहीं की शिकायतें पहुंच रही हैं। शिकायतों का निस्तारण करने में अधिकारियों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।

काम कराने में सभी को छूटे पसीने

साउथ मलाका के आजाद नगर मोहल्ले में होली के पहले से सीवर का पानी रोड पर बह रहा था। इसकी शिकायत लोगों ने नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त व मेयर से की। शिकायत के आधार पर मेयर ने जल कल विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई का आदेश दिया। तीन दिन बाद भी काम नहीं हुआ। एक बार फिर लोगों ने आवाज उठाई तो अधिकारियों की नींद खुली। खलबली मची। जलसंस्थान के अधिकारियों ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की जिम्मेदारी बताई। अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों को कई बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मेयर ने नाराजगी जताई, कार्रवाई की चेतावनी दी तब कहीं जाकर गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों की नींद खुली और काम हुआ।

मेयर ने नगर आयुक्त को लिखा पत्र

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की लापरवाही से नाराज मेयर अभिलाषा गुप्ता ने नगर आयुक्त हरिकेश चौरसिया को कार्रवाई के लिए कहा है। अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास ने भी गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई व एलएनटी की लापरवाही पर नाराजगी जताई है।

सीवर लाइन बिछाने के दौरान अगर कहीं पाइप लाइन टूटती है, सीवर लाइन में कोई दिक्कत आती है, तो इसकी जिम्मेदारी गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की है। लगातार शिकायतें आ रही हैं। जिम्मेदार अधिकारी जब हमारी नहीं सुन रहे हैं तो फिर पब्लिक की क्या सुनेंगे। ऐसे अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

इलाहाबाद