-मेरा आशीर्वाद लेकिन उसके फैसलों से सहमत नहीं

- प्रेस कांफ्रेंस के बाद सामने आया नई पार्टी बनाने का प्रेस नोट

- राष्ट्रीय सम्मेलन में जाने से भी किया साफ इंकार, सपा को मजबूत करने की अपील

मुझसे तीन माह में पद सौंपने का वादा किया था। जो बात का पक्का नहीं, वह कभी जीवन में कामयाब नहीं हो सकता। उस पर कोई भरोसा नहीं करेगा। राजनीति हमेशा सच्चाई से होती है।

-मुलायम सिंह यादव

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-मेरा आशीर्वाद लेकिन उसके फैसलों से सहमत नहीं

- प्रेस कांफ्रेंस के बाद सामने आया नई पार्टी बनाने का प्रेस नोट

- राष्ट्रीय सम्मेलन में जाने से भी किया साफ इंकार, सपा को मजबूत करने की अपील

मुझसे तीन माह में पद सौंपने का वादा किया था। जो बात का पक्का नहीं, वह कभी जीवन में कामयाब नहीं हो सकता। उस पर कोई भरोसा नहीं करेगा। राजनीति हमेशा सच्चाई से होती है।

-मुलायम सिंह यादव

LUCKNOW:

LUCKNOW:

समाजवादी पार्टी में हुए उलटफेर के बाद सियासी जमीन तलाश रहे शिवपाल सिंह यादव के लिए मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कोई अहम एलान करने का इरादा तो बनाया लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने फिर यह संदेश दे दिया कि समाजवादी पार्टी की कमान फिलहाल अखिलेश यादव के हाथ में ही रहेगी। मीडिया के सामने कभी नर्म और कभी गर्म हुए मुलायम ने अखिलेश को भी खूब खरी-खोटी सुनाई और शिवपाल को लेकर पूछे गये हर सवाल को बेहद चतुराई से टाल दिया। उन्होंने कोई नई पार्टी या सेक्युलर मोर्चा बनाए जाने की संभावना को भी सिरे से नकारने के साथ ही कार्यकर्ताओं से अपील भी की कि वे सपा को मजबूत बनाएं।

बड़े नेता ने भी बोल दिया

मीडिया से मुखातिब हुए मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को खूब खरी-खोटी सुनाई। कहा कि अब तो बड़े नेता और सबसे ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति ने भी कन्नौज में बोल दिया कि जो अपने बाप का नहीं हुआ, वह आपका क्या होगा। कहा कि अखिलेश मेरा बेटा है, इसलिए उसको मेरा आशीर्वाद भी प्राप्त है लेकिन मैं उसके निर्णयों से सहमत नहीं हूं। कहा कि ज्यादा दिन नहीं रह गये हैं, जल्द ही बता दूंगा कि अखिलेश के किन फैसलों से सहमत नहीं हूं। आगे कहा कि मुझसे तीन माह में पद सौंपने का वादा किया था। जो बात का पक्का नहीं, वह कभी जीवन में कामयाब नहीं हो सकता। उस पर कोई भरोसा नहीं करेगा। राजनीति हमेशा सच्चाई से होती है। बीच में वह यह भी बोल गये कि अखिलेश अब समाजवादी पार्टी में नहीं हैं। फिर कहा कि क्या भरोसा है कि कितने दिन मतभेद रहेगा, आखिर वह मेरा बेटा है।

नहीं जाएंगे आगरा

मुलायम ने आगामी पांच अक्टूबर को आगरा में होने वाले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में जाने से भी इंकार कर दिया। सूत्रों की मानें तो मुलायम को सम्मेलन में आने के लिए आज सुबह आमंत्रित भी किया गया था। उन्होंने कहा कि पहले यहां फैसला हो जाए, उसके बाद ही तीसरे मोर्चे के बारे में विचार किया जाएगा। लोकसभा के उपचुनाव में क्या करना है, इस पर भी बाद में विचार करेंगे। वहीं प्रेस कांफ्रेंस में शिवपाल की नामौजूदगी के सवाल पर बोले कि वह जरूरी काम से इटावा और मैनपुरी गये हैं। हालांकि शिवपाल राजधानी में ही अपने आवास पर मौजूद थे। दावा किया कि वह समाजवादी पार्टी के साथ हैं और कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत बनाने की अपील भी की।

जो पढ़ा नहीं, वह हुआ सार्वजनिक

मुलायम की प्रेस कांफ्रेंस खत्म होने के साथ ही पत्रकारों के वाट्सएप पर अचानक एक नया प्रेस नोट आ गया जिसमें मुलायम द्वारा नई पार्टी का एलान किए जाने का जिक्र था। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुलायम के नजदीक बैठे पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल इसी प्रेस नोट को बार-बार पढ़ने का आग्रह भी मुलायम से कर रहे थे लेकिन मुलायम ने इसे बाद में पढ़ने की बात कहकर उसे अपने पास रख लिया था। इस प्रेस नोट में लिखा था कि- पिछले एक वर्ष से लगातार अकारण अपमानित होने के बावजूद पार्टी को एक रहने के लगातार कई प्रयास किए परंतु प्रदेशीय सम्मेलन में मुझे आमंत्रित तक नहीं करने के कारण अपमानित महसूस कर रहा हूं। जबकि पार्टी की स्थापना क्99ख् में मेरे द्वारा ही की गयी थी जो कि देश के समाजवादी आंदोलन का महत्वपूर्ण व प्रमुख भाग रहा है। देश के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान रखते हुए मैंने फैसला लिया है कि अलग संगठन या दल बनाकर समान विचारधारा वाले लोगों को साथ लेकर अलग राजनैतिक रास्ता बनाया जाएगा जिसकी रूपरेखा शीघ्र तैयार की जाएगी। किसानों बेरोजगारों, मुसलमानों की आवाज को कोई नहीं उठा रहा है। इसलिए मजबूर होकर मैं यह कदम उठा रहा हूं।

और अखिलेश ने किया तुरंत ट्वीट

लंबे अर्से बाद मुलायम मीडिया से मुखातिब हुए तो सबकी नजरें उनके नये रुख पर थी। पूरी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नई पार्टी बनाने का एलान न करना उनके विरोधियों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी रास आया। इसी वजह से प्रेस कांफ्रेंस खत्म होने के साथ ही अखिलेश ने 'नेताजी जिंदाबाद, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद' लिखकर ट्वीट भी कर दिया। इतना ही नहीं, चंद मिनटों के भीतर ही सपा के तमाम युवा नेता मुलायम से मिलने उनके आवास पर भी पहुंच गये।