- जिला अस्पताल में दो घंटे तक दर्द बिलखता रहा बच्चा

- रिकॉर्ड में कई तरह के ट्रीटमेंट हकीकत में नहीं हुआ इलाज

- बिना इलाज के ही कर दिया गया मेडिकल कॉलेज में रेफर

Meerut लिसाड़ी गेट के जिया को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया तो दो घंटे तक उसका चेकअप ही चलता रहा और बाद में उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। हालांकि अस्पताल के रिकॉर्ड में बच्चे को कई तरह के ट्रीटमेंट दिए गए, लेकिन परिजनों के अनुसार बच्चा दो घंटे तक दर्द में ही तड़पता रहा। उसे न तो कोई इंजेक्शन दिया गया और न ही दवा। बिना इलाज के मेडिकल रेफर कर दिया गया।

प्लास्टिक सर्जरी के लिए किया रेफर

जिला अस्पताल के अनुसार डॉ। राजकुमार ने उसका चेकअप करने के बाद उसे इंजेक्शन लगा दिया था। अस्पताल के रिकॉर्ड में बच्चे को डीएनएस के साथ ही आवश्यक इंजेक्शन भी लगाए गए। यही नहीं बच्चे को कई अन्य तरह के उपचार भी दिए गए है। डॉ। राजकुमार ने एआरवी इंजेक्शन लगाने की भी सलाह दी थी। अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी की व्यवस्था नहीं है, इसलिए बच्चे को मेडिकल में रेफर किया गया।

खोली अस्पताल की पोल

जिया के चाचा अरशद ने बताया कि उसे पहले सिटी हॉस्पिटल में ले जाकर पट्टी करवाने के बाद सीधे जिला अस्पताल में लाए थे। यहां बच्चा दो घंटे तक दर्द से तड़पता रहा। डॉक्टर ने बस देखा और बिना कुछ इलाज किए सीधे मेडिकल में भेज दिया। चाचा अरशद और ताऊ आसिफ ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टर्स ने उसे एक इंजेक्शन तक नहीं लगाया है। अस्पताल से उन्हें यह कहकर भेजा गया कि इंजेक्शन लगाने के लिए दस दिन बाद आना होगा। दोपहर दो बजे बच्चे को मेडिकल ले जाया गया। यहां भी बच्चा काफी देर तक दर्द में पड़ा रहा। काफी देर बाद जाकर केवल उसे एक इंजेक्शन लगाया गया था। फिलहाल बच्चा मेडिकल में ही भर्ती है।

अगर अस्पताल में कोई भी रेबीज का पेशेंट आता है तो पहले उसे इंजेक्शन ही लगाया जाता है। यह बात अलग है कि अगर वो किसी गलत वार्ड में चला गया हो और उसका इलाज न हो पाया हो।

-डॉ। सहदेव कुमार वालिया। एसआईसी, जिला अस्पताल