नेत्रहीनों को जांच के लिए कोर्ट बुलाया जाएगा
नोट और सिक्के को पहचानने में दृष्टिबाधितों को हो रही दिक्कत को लेकर ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ ब्लाइंड नामक गैर सरकारी संगठन से जुड़े तीन अधिवक्ताओं ने याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि दृष्टिबाधितों को नए नोट और सिक्के की पहचान और उनमें अंतर करने में परेशानी हो रही है। ऐसे में सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि पहचान में हो रही दिक्कत को परखने पर विचार किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायाधीश सी हरिशंकर की पीठ ने कि इसके लिए नेत्रहीनों को जांच के लिए कोर्ट बुलाया जाएगा। जिससे कि यह साबित हो सके कि दृष्टिबाधितों को इनके इस्तेमाल में दिक्कत हो रही है या नहीं यह पूछा जाएगा।

10 रुपये के नोट को जल्द ही हटाया जाना
इसके अलावा पीठ ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कार्यकारी नए सिक्कों को एक दूसरे से अलग बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसके लिए हलफनामा दाखिल करें। वहीं सुनवाई के दौरान आरबीआइ व केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि नए नोट और सिक्के दृष्टिबाधितों के विभिन्न संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यान में रखकर ही तैयार किए गए हैं। केंद्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि 10 रुपये के नोट को जल्द ही हटाया जाना है। उसके स्थान पर सिक्के आएंगे। वहीं दृष्टिबाधित लोग 20 रुपये व 50 रुपये के नोट में आसानी से भेद कर सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी।

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