- रायबरेली सड़क हादसे में अब तक नहीं मिला साजिश का सुराग

- सारे आरोपितों के मोबाइल की सीडीआर सीबीआई कर चुकी है चेक

- ड्राइवर और क्लीनर की हुई ब्रेन मैपिंग, कोर्ट से लेंगे नारको की अनुमति

LUCKNOW :

माखी कांड की पीडि़ता के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 14 दिन का अतिरिक्त समय दिया है जो अब उसके लिए बड़ी चुनौती बन गया है। बीते 15 दिन से दिन-रात इस मामले की जांच में जुटी सीबीआई अब सारे सुबूतों को सिरे से खंगालने में जुट गयी है। अब तक इस मामले की जांच को गठित 20 सदस्यीय टीम से सारे इनपुट लेकर उनको कडि़यों में जोड़ा जा रहा है। इस मामले की जांच को नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय से आए तमाम अधिकारी वापस चले गये हैं लिहाजा राजधानी स्थित एंटी करप्शन ब्रांच की एक टीम अब इसमें आगे की जांच को जारी रखेगी।

सीबीआई को चाहिए ठोस सुराग

सूत्रों की मानें तो बीते दो हफ्तों से इस मामले के हर पहलू की सीबीआई द्वारा जांच की जा चुकी है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट से लेकर सीबीआई के एक्सपर्ट अफसरों की टीम ने भी घटना स्थल का मौका मुआयना किया और आरोपितों से गहन पूछताछ की पर उनके हाथ अभी तक कोई ऐसा सुराग नहीं लगा है जिससे इस घटना में किसी साजिश का हाथ होने का पुख्ता प्रमाण मिल रहा हो। सीबीआई के अधिकारियों ने घटना में नामजद किए गये सभी दस आरोपितों के मोबाइल की सीडीआर को भी खंगाल लिया है। इसके अलावा ट्रक मालिक, ड्राइवर और क्लीनर के बीच मोबाइल पर बातचीत का भी पता लगाया गया। सूत्रों की मानें तो इसमें भी सीबीआई को ऐसा कोई सुराग नहीं मिला जिससे शक गहराता हो।

ज्यूडिशियल कस्टडी में हाेगा नारको

सीबीआई ने घटना की सत्यता का पता लगाने के लिए ड्राइवर और क्लीनर का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया था। तत्पश्चात दोनों को रिमांड पर लेने के बाद गांधीनगर स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में ब्रेन मैपिंग टेस्ट भी कराया जा चुका है। अब सीबीआई के अधिकारी ब्रेन मैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं जो आगामी 22 अगस्त तक आने की उम्मीद है। यदि इसमें भी कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा तो सीबीआई दोनों का नारको टेस्ट कराएगी। इसके लिए रिमांड पर लेने के बजाय अदालत की अनुमति से ज्यूडिशियल कस्टडी में टेस्ट कराया जाएगा।

नई दिल्ली गये अधिकारी

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के मद्देनजर सीबीआई लखनऊ की ज्वाइंट डायरेक्टर संपत मीणा और एंटी करप्शन ब्रांच के एसपी राघवेंद्र वत्स नई दिल्ली में ही डेरा डाले रहे। वहीं माखी कांड के चारों मामलों की जांच करने वाले डिप्टी एसपी आरआर त्रिपाठी भी वापस दिल्ली चले गये है ताकि तीस हजारी कोर्ट में चल रही चारों मामलों की सुनवाई की प्रभावी रूप से पैरवी की जा सके।