आगरा। नगर निगम ने ब्रांडेड कंपनियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। रैपर और पाउच की खरीद का रेट तय कर दिया है। कंपनियां ग्राहकों से दस रुपये किलो में इसे खरीदेंगी। कंपनियों होल सेलर से लेकर रिटेलर तक रैपर और पाउच खरीदने की व्यवस्था करनी होगी। पहले चरण में 77 होल सेलर को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

प्रदेश सरकार ने दो अक्टूबर 2018 को सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित कर दिया है। 50 माइक्रॉन से कम की पॉलीथिन भी नहीं बिक सकती है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन के निस्तारण के आदेश दिए थे। निगम प्रशासन ने दो हजार इकाइयों व कंपनियों को नोटिस जारी किया था। पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने बताया कि जिस कंपनी द्वारा जो भी उत्पाद बेचा जा रहा है। अगर उत्पाद के इस्तेमाल के बाद पाउच या फिर रैपर निकलता है। इसे वापस खरीदने की जिम्मेदारी कंपनी की है। नामचीन कंपनियों को नोटिस दिया जा चुका है। अब दस रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से रैपर और पाउच को खरीदना होगा। नई व्यवस्था इसी माह से लागू कर दी गई है। इसकी व्यवस्था कंपनियां रिटेलर व होल सेलर की मदद से करेंगी। उन्होंने बताया कि जो भी वेस्ट एकत्रित होगा। उसके निस्तारण में निगम प्रशासन कंपनी की मदद करेगा लेकिन इसके एवज में निर्धारित शुल्क लिया जाएगा। यह शुल्क एक से डेढ़ रुपये प्रति किग्रा होगा। पर्यावरण अभियंता ने बताया कि सभी होल सेलर को नए आदेश की जानकारी दे दी गई है। सौ वार्डो से हर दिन साढ़े सात सौ मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।

कर सकते हैं शिकायत

रैपर और पाउच कंपनियां नहीं खरीदती हैं तो इसकी शिकायत नगर निगम के अफसरों से की जा सकती है।