पटना (ब्यूरो)। पटना में डेंगू के बाद चिकनगुनिया ने भी दस्तक दे दिया है। मेडिकल कॉलेजों से मिले आंकड़ों के मुताबिक अब तक चिकनगुनिया के 48 मरीज पटना के विभिन्न इलाकों में मिले हैं। उधर डेंगू मरीजों की संख्या 530 से अधिक हो गई है। इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति बनानी भले ही शुरू कर दी हो, मगर शहर के अस्पतालों में समुचित व्यवस्था नहीं होने के चलते बीमारी लगातार बढ़ती ही जा रही है। आलम यह है पीएमसीएच में मरीज के लिए पर्याप्त बेड तक की व्यवस्था नहीं है। निजी व अन्य सरकारी अस्पतालों से आए मरीज को भर्ती लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस रिपोर्ट में पढि़ए डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित मरीज किस तरह हो रहे हैं परेशान

चिकनगुनिया ने पसारा पैर

एक्सपर्ट की मानें तो बारिश के सीजन में डेंगू और चिकनगुनिया एक आम समस्या है। इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है। इन दिनों चिकनगुनिया और डेंगू होने का खतरा भी बढ़ जाता है और कई बार हम पहचान नहीं पाते हैं कि रोगी को चिकनगुनिया या डेंगू है या फिर सामान्य बुखार। लक्षण एक जैसे होते हैं लेकिन डेंगू चिकनगुनिया की तुलना में ज्यादा खतरनाक होता है। चिकनगुनिया की वजह से होने वाला दर्द कुछ महीनों या वषरें तक बना रह सकता है।

ब्लॉक स्तर पर फॉगिंग नहीं

सरकारी आंकड़ों को अगर देखें तो ब्लॉक स्तर पर फॉगिंग की कोई व्यवस्था सरकार की ओर से नहीं की गई है। फॉगिंग को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने नगर निगम आयुक्त अमित कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि जिस इलाके में फॉगिंग नहीं हो रही है वहां जल्द ही शुरू किया जाएगा। प्रबंध कर लिया गया है।

'फॉगिंग के लिए पटना नगर निगम ने 120 लीटर केमिकल मंगाया है। जिस इलाके में फॉगिंग नहीं हो रही है। वहां जल्द ही फॉगिंग होगी।'

-अमित कुमार, कमिश्नर, नगर निगम, पटना

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