नींबू, मिर्ची, धनिया और अदरक हुआ मंहगा

Meerut। बारिश के मौसम में हर कोई पकौड़े खाना चाहता है और वह भी चटपटी चटनी के साथ। लेकिन महंगाई के दौर में चटनी भी चांद पर रही है। चटनी की चीजें जैसे प्याज, हरी मिर्च, अदरक, धनिया, नींबू आदि के दाम भी इस समय आसमान छू रहे हैं, जिस कारण से मध्यमवर्ग की थाली से चटनी का स्वाद गुम हो चुका है। विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल पहाड़ी क्षेत्रों से माल सप्लाई प्रभावित होने के कारण सब्जियां महंगी हो रही हैं।

बरसात ने बढ़ाए दाम

पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले माह से हो रही बरसात का असर अब घरों की रसोई पर पड़ता जा रहा है। बारिश के चलते सब्जियों की आमद में कमी आने से आम आदमी के घर की रसोई की सब्जी में तड़का लगाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले प्याज से लेकर मिर्च तक के दामों में उछाल आ गया है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बरसात से पहले सब्जियों के दाम थोड़ा-बहुत ऊपर-नीचे हो जाते थे लेकिन पिछले कई सप्ताह से बरसात होने से सब्जियों के दामों में भारी उछाल आ गया है। सब्जियों खरीदने वाले ग्राहक दाम सुनकर सब्जी कम मात्रा में खरीदने लगे हैं।

चटनी भी आसमान पर

धनिया, टमाटर और हरी मिर्च के दाम इसस समय काफी अधिक मंहगे हैं, जिस कारण चटनी बनाना भारी पड़ रहा है। बाजार पर नजर डालें तो हरे धनिए की बात करें तो 120 रुपये से 150 रुपए किलो तक इसके भाव पहुंच गए हैं। वहीं टमाटर पहले से ही 40 से 50 रुपए किलो बिक रहा है। हरी मिर्च थोक बाजार में 60 रुपए किलो और फुटकर बाजार में 100 रुपए किलो तक पहुंच गई है। नींबू भी 100 रुपए पार हो गया है। ऐसे में इन सब्जियों के स्वाद से गृहणियों ने दूरी बना ली है। और दाल ही लोगों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो रहीं हैं।

यहां से आती हैं सब्जियां

टमाटर- हिमाचल और मध्य प्रदेश के जिला शिवपुरी से सप्लाई होता है

लौकी (घिया)- पंजाब और राजस्थान से मंगाई जाती है

नीबू- भावनगर और चेन्नई से आते हैं

कश्मीरी मिर्च- हिमाचल प्रदेश से आती है

प्याज- राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से आ रहा है

भाव रुपये प्रति किलोग्राम में

सब्जी पहले अब

अदरक रु100 रु200

धनिया रु80 रु150

हरी मिर्च रु60 रु100

नींबू रु80 रु120

प्याज रु30 रु50

टमाटर रु30 रु40

ये भाव प्रति किलो फुटकर बाजार के हैं। इनमें जगह के हिसाब से कुछ अंतर हो सकता है।

भाव बताने का तरीका बदला

अदरक के दाम दोगुने हो गए हैं। पहले जब अदरक 100 रुपए किलो मिल रही थी तो दुकानदार भाव 25 रुपए पाव बता रहे थे, लेकिन अब अदरक 200 रुपए किलो हो गई है तो दुकानदार भाव 20 रुपए की 100 ग्राम बता रहे हैं। इसी प्रकार हरी मिर्च का भाव जब 60 रुपए किलो था तो दुकानदार भाव 15 रुपए पाव बता रहे थे। अब हरी मिर्च 100 रुपए किलो हो गई है तो दुकानदार भाव 10 रुपए की 100 ग्राम बता रहे हैं।

मानसून सक्रिय होने से इस मौसम में सप्लाई कम हो रही है और दामों में उछाल आ रहा है। सब्जियों के दाम दीपावली तक कम होंगे। यह सब बरसात और सप्लाई पर निर्भर है।

अशोक प्रधान, नवीन सब्जी मंडी अध्यक्ष

बरसात में सब्जियों के दाम हर साल बढ़ जाते हैं। हर साल ये दाम अधिक हो रहे हैं। ऐसे में सब्जियों में कम प्रयोग करके ही काम चलाया जा रहा है।

ममता

हर साल की बात है कि बरसात में सब्जियों की स्टोरेज अधिक हो जाती है। इसलिए आढ़ती मनमाने ढंग से रेट बढ़ा देते हैं। शार्टेज का सिर्फ बहाना है।

रजनी

टमाटर प्याज तो पहले से ही मंहगे थे अब नींबू, धनिया, मिर्च भी मंहगा कर दिया है। इससे घर की रसोई का बजट तो पूरी तरह बिगड़ जाता है।

सुधा