- एक विषय का टीचर करेगा सिर्फ अपने विषय की कॉपियों का मूल्यांकन

- सभी सेमेस्टर की कॉपियों की आंसर की होगी जारी

LUCKNOW (2 June): डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी अपने एग्जाम, मूल्यांकन और रिजल्ट जल्द से जल्द जारी करने के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के साथ व्यापक बदलाव करने जा रही है। पीजी सेमेस्टर की कॉपियों के ऑनलाइन मूल्यांकन के साथ ही अब एक विषय के टीचर्स केवल अपने विषय की कॉपियों का ही मूल्यांकन कर सकेंगे। उन्हें दूसरे सब्जेक्ट की कॉपियों के मूल्यांकन की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। यह व्यवस्था एकेटीयू प्रशासन इस सेमेस्टर एग्जाम के मूल्यांकन से ही शुरू करने जा रहा है।

टीचर्स का डाटा बैंक होगा तैयार

एकेटीयू के सम सेमेस्टर के एग्जाम की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में चल रही है। कॉपियों के मूल्यांकन के लिए यूनिवर्सिटी टीचर्स का डाटा बैंक बनाएगी। जिसमें जो टीचर्स जिस विषय का एक्स्पर्ट है, उसे उसी विषय की कॉपियों के मूल्यांकन की जिम्मेदारी दी जाएगी। अभी तक एकेटीयू में एक टीचर्स को उसके विषय के साथ दूसरे विषय की कॉपियों का भी मूल्यांकन करना होता था। ऐसे में मूल्यांकन की प्रक्रिया काफी लेट होने के साथ उसमें गलती की संभावना भी अधिक होती थी।

स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम होगी दूर

एकेटीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो। जेपी पांडेय ने बताया कि अभी तक जो मूल्यांकन सिस्टम यूनिवर्सिटी में लागू है, उसमें कई बार खामियां रह जाती हैं। सब्जेक्ट एक्स्पर्ट से कॉपियां मूल्यांकन न होने के कारण कभी-कभी कापियों में गलतियां भी रह जाती थी। जिस पर स्टूडेंट्स की ओर से आपत्ति भी दर्ज कराई जाती थी। इसी प्रॉब्लम को दूर करने व मूल्यांकन में पारदर्शिता लाने के लिए यह नियम लागू किया जा रहा है।

छात्र जानेंगे कैसी रही परफॉरमेंस

स्टूडेंट्स ने सेमेस्टर एग्जाम में कैसा प्रदर्शन किया है और उसके आंसर किस तरह दिए हैं। इसके बारे में वह आसानी से जान सकेंगे। यूनिवर्सिटी सेमेस्टर एग्जाम के बाद सभी विषयों की आंसर की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर देगी। स्टूडेंट्स आंसर की से अपने आंसर की मिलान कर सकेंगे। यह प्रक्रिया भी यूनिवर्सिटी एग्जाम सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लागू कर रही है ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया पर किसी तरह की धांधली का आरोप न लगा सके। ज्ञात हो कि बीते कुछ दिनों में यूनिवर्सिटी के मूल्यांकन प्रक्रिया पर स्टूडेंट्स की ओर से कई तरह के आरोप लगाए गए थे।

मूल्यांकन प्रक्रिया में व्यापक बदलाव किए गए हैं। एक्सर्ट अपने ही विषयों की कॉपियों की जांच करेंगे तो गलतियों की गुंजाइश कम रहेगी। इससे पूरी प्रक्रिया में तेजी भी आएगी और साथ ही पारदर्शिता भी।

डॉ। जेपी पांडेय, परीक्षा नियंत्रक, एकेटीयू