हाल ही में गोवा में दो प्रमुख मंदिरों में भडक़ीले कपड़े पहनकर आने वाले टूरिस्ट्स पर रोक लगा दी गई थी. अब गोवा के कुछ और मंदिर भी ऐसा ही फैसला ले सकते हैं. गोवा में विभिन्न मंदिर कमेटीज के ऑर्गनाइजेशन गोमंत मंदिर एवं धार्मिक संस्था महासंघ ने कहा कि वह मंदिर मैनेजमेंट से यह सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे कि एंट्री के दौरान टूरिस्ट्स या आगंतुक ढंग के कपड़े पहनकर आएं. गोवा में एक हजार से ज्यादा मंदिर हैं.
इस महासंघ के को-ऑर्डिनेटर जयेश ठाली ने कहा कि दो मंदिरों द्वारा ड्रेस कोड संबंधी पहल करने के बाद अन्य मंदिर प्रबंधकों को इस विचार के बारे में जानकारी देने का फैसला किया गया. इस ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि शॉर्ट कपड़े या अव्यवस्थित रूप से कपड़े पहनने वालों को मंदिरों में में प्रवेश से रोक लगानी चाहिए.
गौरतलब है कि गोवा के दो प्रमुख मंदिरों, महलसा नारायणी मंदिर और मनगुइशी मंदिर ने उनके यहां आने वाले टूरिस्ट्स स्पेशली फॉरेनर्स से कहा है कि वे या तो सही ढंग से कपड़े पहनकर आएं. ऐसा ना करने पर उन्हें मंदिर कैंपस में प्रवेश से रोक दिया जाएगा. उनका कहना था कि टूरिस्ट्स के ऐसे बिहैवियर से से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है. ठाली ने कहा कि दोनों मंदिरों द्वारा उठाया गया कदम तारीफ के काबिल है.
बेसिलिका चर्च के टूरिस्ट्स की डे्रस पर भी रहेगी नजर
वहीं गोवा के सबसे पॉपुलर चर्च ‘बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस’ ने भी एक कड़ा फैसला लिया है. इसके मुताबिक सितंबर से अफसरों की एक स्पेशल कमेटी चर्चा में आने वाले टूरिस्ट्स और अन्य लोगों की ड्रेस पर नजर रखेगी. बेसिलिका के पादरी सैवियो बैरेटो ने कहा कि अगर टूरिस्ट इल ड्रेस्ड पाए जाते हैं तो उन्हें बदन ढकने के लिए शाल दी जाएगी. चर्च से जाते समय इन शालों को वापस ले लिया जाएगा.
बेसिलिका को श्रद्धालुओं की ओर से लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि चर्च के दौरे के समय टूरिस्ट ‘अभद्र’ कपड़े पहनकर आते हैं. बेरेटो ने साथ ही कहा कि यह ड्रेस कोड श्रद्धालुओं पर भी लागू होगा. गौरतलब है कि 16वीं सदी में बना यह चर्च काफी चर्चित है.
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