- मायावती, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, मेवालाल गौतम पर मुकदमा

- प्रदर्शन में दयाशंकर के परिजनों पर अभद्र टिप्पणी का मामला

- दयाशंकर की मां, पत्‍‌नी व बहनें पहुंची एफआईआर दर्ज कराने

ये लगीं धाराएं

आईपीसी 120बी, 153 ए, 504, 506, 509 के तहत केस दर्ज

LUCKNOW(22 July): भाजपा नेता दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ की गयी अभद्र टिप्पणी के बाद गुरुवार को हजरतगंज में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाना बसपा के वरिष्ठ नेताओं के लिए मुसीबत का सबब बन गया। अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में दयाशंकर की मां तेतरा देवी ने शुक्रवार को हजरतगंज कोतवाली जाकर बसपा सुप्रीमो मायावती, राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर, जिलाध्यक्ष मेवालाल गौतम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जिसमें उन्होंने अपने पूरे परिवार पर जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की है। एसपी पूर्वी शिवराम यादव ने बताया कि मायावती समेत कई प्रमुख बसपा नेताओं व समर्थकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 153 ए, 504, 506, 509 के तहत केस दर्ज किया गया है।

दोपहर तीन बजे एफआईआर

दयाशंकर सिंह की मां की तहरीर पर हजरतगंज थाने में बसपा सुप्रीमो और बसपा के कई कद्दावर नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के दौरान खासा हंगामा भी हुआ। पहले तेतरा देवी अपनी बेटियों जयंती सिंह, सरोज सिंह, छोटे पुत्र जितेंद्र बहादुर सिंह और तमाम समर्थकों के साथ करीब बारह बजे कोतवाली पहुंची लेकिन वहां कोई भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं था। उनके समर्थन में वहां दर्जनों वकील भी जुट गये थे। इस दौरान समर्थकों ने इंस्पेक्टर हजरतगंज के कमरे में डेरा डाल दिया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने तहरीर लेकर परिजनों को दोपहर तीन बजे के बाद आने को कहा गया। बाहर आकर समर्थकों ने बसपा नेताओं के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ ही देर में वहां दयाशंकर सिंह की पत्‍‌नी स्वाती सिंह भी आ गयीं और उन्होंने मायावती समेत बसपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी सुरक्षा की मांग की।

मेरी छोटी बेटी सदमे में

कोतवाली में मौजूद दयाशंकर सिंह की पत्‍‌नी स्वाती सिंह ने कहा कि जिस तरह हजरतगंज में प्रदर्शन के दौरान बसपा कार्यकर्ताओं ने उनके परिवार को लेकर अभद्र तरीके से नारेबाजी की, उससे हम दहशत में है। रात को उनके घर के बाहर लोगों का जमावड़ा करके नारेबाजी की गयी जिसके बाद पूरी रात दहशत में गुजारनी पड़ी। उन्होंने कहा कि जिस तरह बसपा नेताओं ने उनकी 12 और 5 साल की बेटी के खिलाफ बयानबाजी की है, उसे मैं उनके बलात्कार से कम नहीं मानती हूं। मेरी छोटी बेटी टीवी पर बयानों को देखने के बाद गहरे सदमे में है। रात में उसे डॉक्टर के पास भी ले जाना पड़ा था। यदि मेरे पति ने गलतबयानी की थी जो उसमें पूरे परिवार को खसीटने की क्या जरूरत थी। मेरा और मेरे बच्चों का राजनीति से कोई वास्ता नहीं है, इसके बावजूद अभद्र नारेबाजी को सुनने के बाद उन्हें गहरी मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ रहा है। वहीं इस घटनाक्रम के बाद उनका अपने पति से कोई संपर्क नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वे बसपा नेताओं के खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग भी करेंगी।

मां और बेट को बनाया था निशाना

पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह के विवादित बयान के विरोध में बसपा ने गुरुवार को हजरतगंज चौराहे पर प्रदर्शन किया था। इस दौरान दयाशंकर सिंह की पत्नी, बेटी और बहनों को लेकर आपत्तिजनक बयानबाजी की गई। साथ ही दयाशंकर सिंह के लिए भी गाली-गलौच की भाषा का इस्तेमाल हुआ। इस दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत बसपा के तमाम बड़े नेता, प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी बयानबाजी टीवी चैनलों के अलावा सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल होने लगी। इसके बाद दयाशंकर की पत्नी स्वाती सिंह ने बसपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का ऐलान किया था।

तहरीर में क्या लिखा गया

प्रार्थनी 78 वर्षीय महिला है। 20 जुलाई को दोपहर करीब 3:20 बजे राज्यसभा में बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा मुझे, मेरी बेटी, मेरी बहू को, मेरी नातिन एवं देश की समस्त महिलाओं को अपशब्द कहे गए। 21 जुलाई को सुबह करीब 11 बजे मायावती के कहने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी, राम अचल राजभर, मेवालाल गौतम आदि की अगुवाई में हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर बसपा कार्यकर्ताओं ने प्रार्थिनी के पुत्र दयाशंकर सिंह को गालियां दीं व अभद्र टिप्पणी वाला बैनर लेकर प्रदर्शन किया। मायावती के कहने पर नसीमुद्दीन ने अशोभनीय टिप्पणी करते हुए भीड़ को वर्ग व जातीय भेद बताते हुए शत्रुता फैलाकर ¨हसा के लिए उत्तेजित किया। बहन-बेटी, मां व पत्‍‌नी के लिए अमर्यादित नारे लगाए जो दुष्कर्म की श्रेणी में आते हैं। प्रार्थिनी की पोती 12 वर्ष की है। टीवी चैनलों में दिखाए गए उन दृश्यों को देखकर वह गहरे सदमे में है। बसपा धरने नारी की मर्यादा, लज्जा भंग करने के नारे लगाए गए। मायावती स्वयं नारी होते हुए नारी की लज्जा भंग, अपमानित करवाने के नारे लगवा रही हैं।

तहरीर में सुधारी खामी

शुक्रवार दोपहर सवा बजे स्वाती सिंह अपनी सास, नंद जायत्री देवी, सरोज सिंह, देवरानी सारिका सिंह समेत परिवार के सदस्य और समर्थकों के साथ पहुंची। उनके साथ एक पार्षद और वकील भी थे। वहीं कुछ स्थानीय भाजपा नेता भी वहां मंडराते दिखे। परिजनों द्वारा पहली दी गयी तहरीर में कुछ खामियां होने की वजह से उसे सुधार कर दिया गया। इसके बाद उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। देर शाम तक परिजनों को एफआईआर की प्रमाणित प्रति नहीं मिली थी।

सदन में टिप्पणी पर एफआईआर नहीं

एएसपी पूर्वी के मुताबिक तेतरा देवी द्वारा दी गई तहरीर में 20 जुलाई को बसपा सुप्रीमो द्वारा सदन में की गई टिप्पणी की जो बात कही गई है, उसे एफआइआर में शामिल नहीं किया गया। 21 जुलाई को हुए जिस घटनाक्रम का जिक्र किया गया है, उस पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।

मायावती को यह हक किसने दिया

दयाशंकर की पत्‍‌नी स्वाती सिंह ने मीडिया से कहा कि मायावती को दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं को विवाद में खींचने का अधिकार किसने दिया। तेतरा देवी व अन्य परिवारीजन काफी देर तक कोतवाल के कमरे में बैठे रहे। इस दौरान मीडियाकर्मी उन्हें घेरे हुए थे। दयाशंकर की मां व बहन ने यह सवाल भी उठाया कि जब वे राजनीति में नहीं हैं, तो उन्हें क्यों निशाना बनाया जा रहा है।

मुझे नहीं पता कहां हैं पति

स्वाती सिंह ने कहा उन्हें नहीं पता उनके पति कहां और किस हाल में हैं। मायावती सहित अन्य बसपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे के बाबत स्वाती सिंह ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। मुझे भरोसा है न्याय मिलेगा।

एससी/एसटी एक्ट हटाने की मांग

दयाशंकर के परिवारीजन ने मुकदमे से एससी/एसटी एक्ट हटाने की भी मांग की है। उनका कहना है कि दयाशंकर ने कोई जातिसूचक शब्द नहीं कहा लिहाजा एससी/एसटी का कोई आधार नहीं है।

मेरी छोटी बेटी टीवी पर बयानों को देखने के बाद गहरे सदमे में है। रात में उसे डॉक्टर के पास भी ले जाना पड़ा था। यदि मेरे पति ने गलतबयानी की थी जो उसमें पूरे परिवार को खसीटने की क्या जरूरत थी। मेरा और मेरे बच्चों का राजनीति से कोई वास्ता नहीं है।

-स्वाती सिंह, दयाशंकर सिंह की पत्‍‌नी

दया का फिलहाल सुराग नहीं

पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह का पुलिस अब तक सुराग नहीं लगा सकी है। एक पुलिस टीम मऊ, बलिया, मिर्जापुर सहित पूर्वाचल के अन्य जिलों में दयाशंकर के संभावित ठिकानों पर छापे मार रही है जबकि एक टीम ने शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर सहित अन्य स्थानों पर दयाशंकर की तलाश की। दयाशंकर के कुछ परिवारीजन लविवि परिसर में रहते है। लविवि के पूर्व छात्रनेता रहे दयाशंकर सिंह के राजधानी में कई अन्य स्थानों पर भी छिपने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। इस आधार पर पुलिस दयाशंकर के कई करीबियों के बारे में भी पड़ताल कर रही है। एएसपी पूर्वी शिवराम यादव के मुताबिक गोरखपुर में मिली अंतिम लोकेशन के बाद से दयाशंकर सिंह का मोबाइल फोन स्विच ऑफ है।

बीजेपी की साजिश है एफआईआर : नसीमुद्दीन

बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि उनके व अन्य बसपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर कराना भाजपा की साजिश है। उन्होंने एफआईआर में लगाये गये आरोपों को नकारते हुए कहा कि प्रदर्शन के दौरान किसी को गाली नहीं दी गयी, ना ही किसी तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हुआ बल्कि दयाशंकर सिंह ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया था उसे कोई इंसान नहीं बल्कि जानवर ही कर सकता है। दयाशंकर के परिजनों को पेश करने का तात्पर्य यह था कि क्या वे उनकी मौजूदगी में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं जो उन्होंने हमारी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के लिए किया था। क्या उनके परिजन उनके बयान को सही ठहराएंगे। आरोप लगाया कि गुजरात के ऊना में दलित उत्पीड़न की घटना को दबाने के लिए बीजेपी यह साजिश कर रही है ताकि लोगों का ध्यान असली मुद्दे से भटक जाए। हमारी पार्टी मां, बहन, बेटी का सम्मान करना जानती है। उन्होंने ऐलान किया कि दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी न होने के विरोध में बसपा लखनऊ छोड़ प्रदेश के सभी 17 मंडलों में आगामी 25 जुलाई को प्रदर्शन करेगी।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष जूही सिंह ने बीएसपी के 21 जुलाई को प्रदर्शन में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल को संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन को निर्देश किया है कि वह आयोग को पूरे प्रकरण की विडियो फुटेज उपलब्ध कराये जिससे की आगे की कार्यवाही की जा सके।